स्कूल बस जितना बड़ा ये टेलीस्कोप 1.5 बिलियन डॉलर की लागत से बना है, जो पृथ्वी से लगभग 550 किलोमीटर ऊपर घूमता रहता है. घूमते रहने के लिए इसे एनर्जी की जरूरत होती है, जो इस पर लगे दो बड़े सोलर पैनल इसे देते हैं. स्पेस में यूं तो कई टेलीस्कोप भेजे गए हैं लेकिन नासा का कई गुणों वाला ये हबल टेलीस्कोप.अब तक दुनिया का सबसे बड़ा और बेस्ट टेलीस्कोप माना जाता है. इसे अमेरिकी स्पेस ऐजेंसी NASA के साथ यूरोप की स्पेस एजेंसी ESA ने मिलकर तैयार किया था.
1923, ये वो साल था जब पृथ्वी के ऊपर किसी बड़े दूरबीन लगाने की बात शुरू हुई. अमेरिका के एक मशहूर ऐस्ट्रोनॉमर थे लेमैन स्पिटज़र, जिन्होंने 1946 में अमेरिकी सरकार के सामने स्पेस में लार्ज स्पेस टेलीस्कोप का प्रपोज़ल पेश किया.ये सिर्फ एक प्रपोजल नहीं था...साथ में एक विज़न भी था. स्पेस एक्सप्लोरेशन का विज़न. लेकिन इस विज़न को साकार होने में करीब 30 साल लग गए जब सन 1978 में इसके लिए बजट पास किया गया. 1983 में इसे लांच होना था जो तकनीकी दिक्कतों के चलते आगे बढ़ा दिया गया. इसी दौरान इस लार्ज स्पेस टेलीस्कोप का नाम अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉमर एडविन हबल के नाम पर हबल टेलीस्कोप कर दिया गया. एडविन हबल ने उन दिनों ये बता कर क्रान्ति मचा दी थी कि जैसे हमारा सौरमंडल मिल्की वे गैलेक्सी में है, उसी तरह ब्रह्माण्ड में ऐसी ढेर सारी गैलेक्सी हैं.