तालिबानी सरकार में शेख हिब्दुल्लाह अखुंदजादा सुप्रीम नेता होंगे जिन्हें अमीर-उल-अफगानिस्तान कहा जाएगा. पाकिस्तान से सलाह मशविरे के बाद अखुंदजादा ने नयी सरकार को हरी झंडी दे दी .
तालिबान की इस नई सरकार में एक ऐसी नियुक्ति हुई है जिससे तालिबान ने अमेरिका को अपनी औकात याद दिला दी है. वो नाम है सिराजुद्दीन हक़्क़ानी का. तालिबान ने साबित कर दिया कि वो अपने मन का मालिक हैं और जिसको जो चाहे वो पद देगा.
सिराजुद्दीन हक़्क़ानी तालिबान में गृहमंत्री होगा और हक़्क़ानी नेटवर्क के नेता, जिसको आज भी अमेरिका आतंकवादी संगठन मानता है. आज भी सिराजुद्दीन हक़्क़ानी के सिर पर 37 करोड़ का इनाम है और आज भी वो फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन यानी एफबीआई की वांटेड लिस्ट में शामिल है. हक़्क़ानी नेटवर्क एक खूंखार संस्था है और पिछले 20 साल में सबसे बड़ी आतंकवादी घटनाओं को उसी ने अंजाम दिया है.2017 में काबुल में ब्लास्ट, हक़ानी नेटवर्क ने करवाया था जिसमें 150 लोग मारे गए थे. पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई पर जानलेवा हमला भी हक़्क़ानी नेटवर्क ने ही करवाया था.2008 में काबुल होटल पर हमला भी इसी नेटवर्क ने करवाया था जिसमें एक अमेरिकन नागरिक भी मारा गया था | सिराजुद्दीन हक़्क़ानी, जलालुद्दीन हक़्क़ानी का बेटा है जिसनें इस नेटवर्क की स्थापना की थी |