एनीमिया यानि खून की कमी भारत की महिलाओं में पाए जाने वाली सबसे कॉमन समस्याओं में से एक है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 15 से 19 साल की लगभग 60% लड़कियों को खून की कमी है. वहीं 15 से 49 साल की 52.2% प्रेग्नेंट महिलाएं एनीमिया की चपेट में आती हैं. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस समस्या के बारे में सब कुछ बताएंगे. एनीमिया कैसे होता है... ये कितना खतरनाक है.... इसके लक्षण क्या हैं... इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए... ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए वीडियो के आखिक तक बने रहिए हमारे साथ.
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जहां आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है. इस वजह से शरीर में आक्सीजन का स्तर कम हो जाता है. ऐसे में नया खून बनने में बाधा आती है. एनीमिया कई तरह के होते हैं और इसके होने की कई अलग वजहें हो सकती हैं. जैसे शरीर में आयरन, विटामिन B12, फोलेट की कमी. इसके अलावा DNA में गड़बड़ी और बोन मैरो द्वारा नए रेड ब्लड सेल्स न बना पाना भी इसकी वजह है.
एनीमिया के ज्यादातर लक्षण बहुत आम होते हैं, जिसके चलते उन पर लोगों का ध्यान नहीं जाता या लोग इसे सिरियसली नहीं लेते. अगर आप लंबे समय से थकान, त्वचा का पीला होना, कम एनर्जी, सांस की तकलीफ, तेज दिल की धड़कन, भूख कम लगना या हर वक्त मायूसी जैसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो तुरंत अपने हीमोग्लोबिन की जांच करवाएं. ये सभी लक्षण एनीमिया के हो सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना सही नहीं है.
थोड़ी सावधानी के साथ एनीमिया का इलाज किया जा सकता है. पालक, चुकंदर, टोफू, चिकन, सेब, अनार, तरबूज, खजूर, बादाम, किशमिश, आंवला, साबुत अंडा और गुड़ आयरन के अच्छे सोर्स हैं. इनके नियमित सेवन से एनीमिया को दूर किया जा सकता है. एनीमिया के चलते हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में विटामिन सी के सेवन से आप रोगों से लड़ने की क्षमता पाते हैं और आयरन ऐब्सॉर्ब कर पाते हैं. संतरा, मौसम्बी जैसे फल या एक गिलास नींबू पानी रोज पिएं.
फोलिक एसिड की कमी को पूरा करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, केला, मूंगफली, ब्रोकली, चिकन और अंकुरित अनाज खाने चाहिए. इसके साथ एक्सरसाइज जरूर करें. एक्सरसाइज करने से शरीर में ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ जाती है और शरीर ज्यादा हीमोग्लोबिन प्रोड्यूस करता है. ज्यादा हीमोग्लोबिन मतलब ज्यादा रेड ब्लड सेल्स. एनीमिया की कमी होने पर और किसी भी इलाज की शुरुआत से पहले जरूरी है कि आप एक बार अपने डॉक्टर से बात कर लें.