यूक्रेन और रूस के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. यूक्रेन ने साफ कह दिया है कि हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और हम अपने क्षेत्र का एक इंच हिस्सा भी नहीं छोड़ेंगे. खबर है कि पुतिन ने रूसी परमाणु निवारक बलों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. आशंका जताई जा रही है कि अगर यूक्रेन हथियार नहीं डालता है तो रूस अपने सबसे घातक हथियार ''फादर ऑफ ऑल बॉम्ब'' का इस्तेमाल कर सकता है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस विनाशकारी बॉम्ब के बारे में सब कुछ बताएंगे. ये कितना खतरनाक है. इसे दुनिया के सबसे घातक हथियारों में से एक क्यों माना जाता है.. क्या रूस इसका इस्तेमाल करेगा... ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
फादर ऑफ ऑल बॉम्ब को दुनिया का सबसे घातक गैर परमाणु हथियार माना जाता है. ये एक थर्मोबेरिक हथियार है जिसे एविएशन थर्मोबेरिक बॉम्ब ऑफ इन्क्रीज्ड पॉवर भी कहा जाता है. रूस ने इसे साल 2007 में विकसित किया था. इसका वजन 7100 किलोग्राम है और यह एक ही बार में करीब 44 टन टीएनटी की ताकत का धमाका कर सकता है. इस बम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक बार में लगभग 300 मीटर के क्षेत्र को जलाकर खाक कर सकता है
फादर ऑफ ऑल बॉम्ब को वैक्यूम बॉम्ब के नाम से भी जाना जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये वातावरण से ऑक्सीजन सोख लेता है और खुद को ज्यादा शक्तिशाली बनाकर जमीन से ऊपर ही धमाका करता है. धमाके से एक अल्ट्रासोनिक शॉकवेव भी निकलती है जो और ज्यादा तबाही मचाती है. यही वजह है कि इस हथियार को सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है.
मीडिया रिपोर्ट्स और विदेशी रक्षा एजेंसियों का दावा है कि रूस यूक्रेन को घुटनो पर लाने के लिए किसी भी वक्त यूक्रेन में फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेना को इसके लिए आदेश भी दे रखे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में रूस ने सीरिया में फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल किया था.
आशंका ये भी जताई जा रही है रूस अपने Tsar Bomba जैसे सबसे बड़े न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल भी कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो नतीजे विनाशकारी हो सकते हैं. Tsar Bomba को सोवियत संघ के समय में डिजायन किया गया था. ये सोवियत संघ द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा बम था. इसकी विस्फोटक क्षमता 100 मेगाटन है. इस बम से पूरा कीव शहर खत्म हो सकता है. परमाणु विस्फोट के बाद होने वाले रेडिएशन से थर्ड डिग्री बर्न होता है. देखना होगा कि यूक्रेन को हराने के लिए रूस किस हद तक जाता है.