रूस और यूक्रेन के बीच जंग को करीब एक महीना पूरा हो गया है. रूस ने यूक्रेन के कई बड़े शहरों पर भीषण बमबारी की है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है और अभी तक रूस ने मिसाइलों से यूक्रेन में कई शहर तबाह कर दिए. साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर फॉस्फोरस बम इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. यहां तक कि अमेरिका भी इस बात का अंदाजा लगा चुका है कि युद्ध में फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल किया जा रहा है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको फॉस्फोरस बम के बारे में सब कुछ बताएंगे. जानेंगे फॉस्फोरस कितना खतरनाक होता है... ये बम कैसे काम करता है और किस तरह लोगों को इससे निशाना बनाया जा सकता है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
फॉस्फोरस बम एक खास तरह का बन होता है, जिसके ब्लास्ट पर खास तरह का पाउडर वातावरण में फैल जाता है. इस बम से निकला पाउडर यानि व्हाइट फॉस्फोरस ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही आग पकड़ता है. जलते हुए फॉस्फोरस का तापमान 800 डिग्री सेल्सियस तक होता है. खुली जगह पर गिरे फॉस्फोरस बम का कई किलोमीटर तक असर होता है. फॉस्फोरस का कोई रंग नहीं होता है, लेकिन कई मौकों पर ये हल्का पीला दिखता है. ये एक मोम जैसा पदार्थ होता है जिससे लहसुन जैसी गंध आती है. बता दें फॉस्फोरस बम का रिहायशी इलाकों में इस्तेमाल प्रतिबंधित है.
फॉस्फोरस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब तक ऑक्सीजन होती है, तब तक ये फॉस्फोरस जलता रहता है. इससे तबाही का दायरा लगातार बढ़ता जाता है. जब खुली जगह पर इसे ब्लास्ट किया जाता है तो ये जितनी दूर तक ऑक्सीजन के संपर्क में आता है, उतनी दूर 800 डिग्री से ज्यादा तापमान की आग फैलती है और काफी लोग मर जाते हैं. खुली जगह पर फॉस्फोरस बम गिराया गया तो ये सैकड़ों किलोमीटर के दायरे तक फैल सकता है.
मानव के लिए फॉस्फोरस बम बेहद ही घातक होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट फॉस्फोरस मांस से चिपक जाता है, जिससे इसकी जलन और ज्यादा बढ़ जाती है. ये शरीर के अंदरूनी टिशू को डैमेज कर देता है जिससे ठीक होने में काफी समय लग सकता है. इसके कण मानव शरीर को अंदरूनी तौर पर काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें मौत का खतरा भी बहुत ज्यादा होता है.
जेनेवा कन्वेंशन में आम नागरिकों के खतरा होने की स्थिति में इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया. हालांकि, जंग में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस जंग को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कई एक्सपर्ट इस युद्ध को लेकर परमाणु युद्ध की ओर भी संकेत कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच यह युद्ध कब तक चलेगा और क्या रूप लेगा ये कहना मुश्किल है.