सोशल मीडिया पर स्क्रोल करते करते आप थक जाएंगे लोकिन कॉटेंट हैं जो खत्म ही नहीं होता. पहले का वक्त और था, जब tv पर आपके पास देखने के लिए गिने चुने शोज होते थे. अब आपके इंटेरेस्ट के हिसाब से आपके फोन पर इंस्टॉल होने वाले ऐसे सैकड़ों Apps मौजूद है, जिनके ज़रिये आप अपना मनपसंद कंटेंट देख सकते हैं. आपके फेवरेट क्रिएटर आपके लिए वीडियोज बनाते हैं... जिससे आपका एंटरटेनमेंट होता है और क्रिएटर्स की कमाई होती है. तो आज नो दिस वीडियो में हम आपको क्रिएटर्स इकोनॉमी के बारे में बताते हैं. आपको बताते हैं कॉन्टेंट बनाकर आखिर कैसे लोग इंटरनेट के जरिए पैसे कमाते हैं. इस कॉन्टेंट इकोनॉमी में आपका क्या रोल है? एक-एक कर इन सभी सवालों का जवाब हम आपको देगे. आप बस बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले जानते हैं
क्रिएटर इकोनॉमी क्या है?
इसके लिए सबसे पहले ये समझना होगा कि क्रिएटरर्स होते कौन हैं. क्रिएटरर्स वो लोग हैं जो इंटरनेट पर लगातार कॉन्टेन्ट generate करते हैं. ये कॉन्टेंट कुछ भी हो सकता है. चाहे वो तरह तरह के लजीज डिश के वीडियोज हो. पॉडकास्ट हों. मेक अप टिप्स के वीडियोज हों या फिर कोई व्लॉग हो... ये क्रिएटर्स किसी बड़ी मीडिया या टीवी कंपनी से हों ऐसा ज़रूरी नहीं है. ये कमाल कोई भी कर सकता है, आप, मैं, आपके दोस्त, मेरे दोस्त या फिर कोई भी... जो अपने घर में ही एक बेसिक स्टूडियो बनाकर वीडियो शूट करते हों. और जब इन क्रिएटर्स के फॉलोअर्स बढ़ने लगते हैं तब ये बन जाते हैं इंफ्ल्यूएंसर्स. इंफ्ल्यूएंसर्स उन लोगों को कहा जाता है जो अपनी जानकारी, काबिलियत या ऑडियंस पर अपनी पकड़ के बलबूते उनके purchasing decisions को प्रभावित करते हैं.
धीरे-धीरे अलग-अलग ब्रैंड इन Influencers के साथ कोलैबरेट करते हैं ताकि उनकी पहुंच का फायदा उठाते हुए वो अपने प्रॉडक्ट की मार्केटिंग कर सके. इसे कहा जाता है Influencer marketing. इसके अलावा इन-स्ट्रीम ऐड्स, प्रॉडक्ट selling, क्राउडफंडिंग, फैन फंडिंग, कॉंटेंट लाइसेंसिंग और ब्रैंडेड कॉन्टेंट के जरिए भी पैसे कमाए जाते हैं. और इन्हीं जरियों से होने वाली कमाई को creator economy कहते हैं. यानी कि वो इकॉनमी जो क्रिएटर्स की वजह से बनी है.
creator economy वैसे तो एक दशक पुरानी है. इसके बावजूद आज दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन से ज्यादा लोग content create करके पैसे कमाते हैं. हालांकि ये इंटरनेट पर मौजूद लोगों का सिर्फ 1 परसेंट है.
creator economy का principle काफी सिंपल है. कुछ कॉन्टेंट बनाएं और उस का इस्तेमाल पैसा कमाने के लिए करें यानी अपनी खुद की इकोनॉमी बनाने के लिए. आप क्या बनाते हैं वो पूरी तरह से आपके इंटरेस्ट पर डिपेंड करता है- वीडियो, ब्लॉग, व्लॉग, म्यूजिक, योगा क्लासेज या कुछ भी. फिर इसे आप ऑनलाइन पोस्ट या पब्लिश करते हैं. धीरे-धीरे पॉपुलैरिटी के हिसाब से content मॉनेटाइज हो जाता है. और क्रिएटर्स इससे पैसा कमाने लगते हैं.
लगभग 1 सैंचुरी पहले की बात करें तो हम industrial economy में रहते थे जहां लोग शारीरिक मेहनत से पैसे कमाते थे. 1950 के डिकेड से दुनिया consumer economy की ओर बढ़ी. लोगों ने सर्विस के जरिए पैसा कमाना शुरू किया. व्यापार के जरिए देश-विदेश से सामान खरीदे जाने लगे. फिर इंटरनेट के दौर में हम knowledge economy का ओर बढ़ने लगे. Technology ने कई traditional jobs को खत्म कर दिया और अब हम creator economy में एंटर कर चुके हैं. जहां लोगों ने पैसा कमाने के लिए अपने इंटरेस्ट, हॉबीज और स्किल्स की मार्केटिंग शुरू कर दी है.