आज आसमान में 12 बजकर 48 मिनट से सदी का सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा. खास बात ये है कि भारत के कुछ हिस्सों से भी इसे देखा जा सकेगा. आज नो दिस के वीडियो में हम आपको इस चंद्र ग्रहण के बारे में सब कुछ बताएंगे. चंद्र ग्रहण कब लगता है... आज का आंशिक चंद्र ग्रहण क्यों खास है... इसे कब और कहां से देखा जा सकेगा.... चंद्र ग्रहण कितने टाइप के होते हैं.... इन सभी सवालों के जवाब के लिए वीडियो के एंड तक बने रहें हमारे साथ....
क्यों खास है ये चंद्र ग्रहण ?
साल 2021 का ये आखिरी चंद्र ग्रहण 15वीं सदी के बाद सबसे लंबा होगा. बताया जा रहा है कि ये चंद्र ग्रहण 3 घंटे, 28 मिनट और 23 सेंकड तक चलेगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि 19 नवंबर को लगने वाला यह चंद्रग्रहण 580 सालों के बाद सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. आखिरी बार इतना लंबा ग्रहण 18 फरवरी 1440 को लगा था. NASA के अनुमान के मुताबिक, 21st century में धरती कुल मिलाकर 223 lunar eclipse एक्सपीरिएंस करेगी.
कब-कहां देखा जा सकेगा चंद्र ग्रहण ?
इस लूनार एक्लिप्स को नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, ईस्टर्न एशिया, ऑस्ट्रेलिया और पैसिफिट रिजन से देखा जा सकेगा. US ईस्ट कोस्ट से इसे दिन में 2 बजकर 18 मिनट से 5 बजकर 47 मिनट तक आसमान में आसानी से देखा जा सकता है. अगर मौसम ठीक रहा तो भारत में भी नॉर्थईस्ट के हिस्से जैसे अरुणाचल प्रदेश और असम में शाम 4 बजे के आस पास इसकी झलक दिख पाएगी. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग चंद्र ग्रहण के अंतिम भाग को देख सकेंगे. इसके अलावा दुनिया के किसी भी कोने से लोग NASA की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग पर इसे देख सकते हैं.
कब लगता है चंद्रग्रहण ?
चंद्रग्रहण एक Astronomical event यानि एक खगोलीय घटना है. सीधी भाषा में चंद्रग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है. और ऐसा तब होता है जब सूरज की परिक्रमा के दौरान धरती, चंद्रमा और सूरज के बीच आ जाती है. ऐसे में चाँद धरती की छाया में छुप जाता है और सूरज की रोशनी चाँद पर नहीं पड़ती. ये तब मुमकिन है जब सूरज, चाँद और पृथ्वी अपनी कक्षा में एक दूसरे की बिल्कुल सीध में हों. बता दें कि, चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन होता है.
क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण?
आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाता है. लेकिन इस दौरान ये एक सीधी रेखा में नहीं होता है. चंद्रमा का एक छोटा सा हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाता है और हमें एक लाल रंग का चंद्रमा दिखाई देता है. इसे फ्रॉस्ट मून और बीवर मून भी कहा जाता है.
कितने प्रकार के होते हैं चंद्रग्रहण ?
चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण. पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी रिवॉल्व करते हुए सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाती है और चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाता है.
वहीं उपछाया चंद्रग्रहण तब होता है जब सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी उस समय पर आती है जब ये तीनों एक सीधी रेखा में नहीं होते. इसके चलते सिर्फ पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया ही चाँद पर पड़ती है.