भारत और चीन के बीच लंबे अरसे से सीमा विवाद चल रहा है... इसी बीच अमेरिकी जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने लद्दाख में चीन की गतिविधियों को खतरे की घंटी बताया है... उन्होंने कहा कि चीन का ये रवैया पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला है... हिमालयी क्षेत्र में चीन की तरफ से किया जाने वाले निर्माण और अन्य गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता... अब वक्त आ चुका है भारत अपनी आंखे खोले और चीन की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे... दरअसल चीन भारत से लगी सीमाओं पर लगातार मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है... ये हालात किसी भी नजरिए से भारत के लिए अच्छे नहीं कहे जा सकते.
चीन की इस साजिश का खुलासा जनवरी में ही हो गया था... सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला था कि चीन पेंगोंग झील के पास पुल बना रहा है... इसके अलावा चीन ने हवाई पट्टियों और सड़कों का निर्माण भी तेज कर दिया है... जिससे हिमालयी क्षेत्र में चीन से भारत को सीधी चुनौती मिलती है... बता दें भारत और चीन के सशस्त्र बलों के बीच 5 मई 2020 से लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं... जब पैंगोंग लेक के पास दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी.. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर एक दर्जन से ज्यादा सैन्य बैठकें हो चुकी हैं... लेकिन इस मुद्दे पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है.
उधर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का वियतनाम और जापान के साथ सीमा विवाद चल रहा है...इसके अलावा चीन ताइवान पर कब्जा करने का सपना देख रहा है...ताइवान को लेकर अमेरिका पूरी तरह चीन के खिलाफ खड़ा है... उधर चीन की दादागिरी का जवाब देने के भारत और जापान भी अमेरिका के साथ हैं... इसी कड़ी में भारत और अमेरिका की सेनाएं अक्टूबर के महीने में संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी... ये प्रैक्टिस हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच 10 हजार फीट की ऊंचाई पर होगी... जिसका मकसद हाई अल्टीट्यूड में ज्वाइंट ऑपरेशन की तैयारी करना है... साथ ही चीन को ये समझाना भी है कि इंडो-पैसेफिक रीजन में उसकी दादागिरी नहीं चलने वाली..यहां उसको टक्कर देने के लिए भारत और जापान तैयार बैठे हैं... अमेरिका का साथ मिला तो चीन को मुंह की खानी पड़ेगी..