कोरोना के खिलाफ वैक्सीन के बाद अब दुनिया को एक और हथियार मिल गया है. अमेरिका की मर्क एंड कंपनी ने एक्सपेरिमेंटल एंटीवायरस टैबलेट मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) बनाई है. दावा है कि ये कोरोना से होने वाली मौतों को आधा कर देगी. मर्क कंपनी ने अमेरिका के Food and Drug Administration से कोविड-19 के खिलाफ असरदार इस दवा को मंजूरी देने की गुजारिश की है. अगर इस दवा को मंजूरी मिल जाती है तो ये कोरोना से बचाव की पहली दवा होगी.
कंपनी ने दवा को लेकर क्या कहा?
अमेरिकी दवा फर्म मर्क और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स का कहना है कि ये दवा कोरोना के इलाज में गेमचेंजर साबित होगी. दवा के ट्रायल के पॉजिटिव नतीजों का ऐलान करते हुए मर्क के सीईओ ने रॉयटर्स से कहा कि इस दवा ने अस्पताल में भर्ती होने का रिस्क और मरने वालों के आंकडे को 50 प्रतिशत तक कम कर दिया. इतना ही नहीं, जिसको भी ये दवा दी गई वो बहुत जल्दी कोविड से रिकवर कर गए.
कंपनी का ये भी दावा है कि ये दवा कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड में अदंर घुसकर उसमें डिफेक्ट पैदा कर सकती है. कंपनी ने बताया कि ओरल दवा के नतीजे अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल में काफी अच्छे मिले हैं. ये दवा कोरोना के सभी वेरिएंट पर असरदार हैं
दवा के ट्रायल के नतीजे क्या कहते हैं?
इस दवा के फेज 3 का ट्रायल अमेरिका, ब्राजील, इटली, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान, ग्वाटेमाला समेत कई देशों में किया गया. इस ट्रायल में 775 कोविड मरीजों के अस्पताल में दाखिले और मौत के रिस्क को बारिकी से देखा गया और इसकी पड़ताल की गई. नतीजे से पता चला कि पांच दिनों तक एक दिन में दो बार मोलनुपीरवीर का इस्तेमाल करने वाले 7.3 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और इलाज के बाद 29 दिनों तक किसी की भी मौत नहीं हुई
दवा का इस्तेमाल कैसे करें?
एफडीए से मंजूरी मिलने के बाद लोग संक्रमण होने पर इस एंटीवायरल गोली को घर पर ही ले सकते हैं. आप इसे किसी भी आम दवा की ही तरह पानी के साथ ले सकेंगे. इस दवा के आने से अमेरिकी अस्पतालों पर बोझ घटने की उम्मीद है. यही नहीं इसके आने से कमजोर हेल्थ स्ट्रक्चर वाले वाले गरीब देशों को भी महामारी से लड़ने में काफी मदद मिलेगी.