चीन ने ताइवान के खिलाफ आसमान में अपना शक्ति प्रदर्शन अपने राष्ट्रीय दिवस के मौके पर किया. बीजिंग ने सबसे पहले ताइवान की डिफेन्स आइडेंटिफिकेशन जोन में अपने 80 लड़ाकू विमान भेजे. इसमें 22 फाइटर जेट, 2 बॉम्बर और कई एंटी सबमरीन विमान शामिल थे. पिछले दो सालों में चीन ताइवान के खिलाफ ऐसे कई कदम उठा चुका है. ताइवान को धमकाने के इरादे से चीन लगातार अपने लड़ाकू विमान को उसके हवाई क्षेत्र में भेजता रहा है.
पूर्वी एशिया का द्वीप ताइवान कई द्वीपों को मिलाकर बना है. इसका मुख्यालय ताइवान द्वीप और राजधानी ताइपे है. आपको बता दें कि जहां चीन ताइवान को चीनी गणराज्य का अंग मानता है. वहीं ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश समझता है. 1949 में राष्ट्रपति च्यांग काई-शेक के समय से चीन और ताइवान में तनातनी चली आ रही है. ताइवान का आधिकारिक नाम रिपब्लिक ऑफ चाइना है. जबकि चीन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कहते हैं. ताइवान की सांस्कृतिक पहचान चीन से काफी अलग है. साथ ही वो आर्थिक रूप से बेहद मजबूत है. इसलिए चीन ताकत के दाम पर ताइवान को अपने क्षेत्र में मिलाना चाहता है.वहीं पश्चिम के कई जानकारों का कहना है कि चीन बार-बार शक्ति प्रदर्शन कर ताइवान और अमेरिका का मनोबल तोड़ना चाहता है.