SpaceX के मालिक एलॉन मस्क भले ही चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हों। लेकिन शातिर चीन उनकी पीठ पर खंजर भोंकने की तैयारी में बैठा है। दरअसल चीन एलॉन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट से डरता है तभी तो वो अंतरिक्ष में ही इन सैटेलाइट को तबाह करने की प्लानिंग कर रहा है। चीन को इस बात का डर सता रहा है अगर ताइवान को लेकर उसका आमना-सामना अमेरिका से हुआ तो ये सैटेलाइट अमेरिकी फौज के लिए मददगार साबित होंगे और उसके लिए बड़ा खतरा बन जाएंगे।
चीनी अखबार साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट के मुताबिक बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रैकिंग एंड टेलीकम्युनिकेशन्स और चीन की डिफेंस इंडस्ट्री स्टारलिंक सैटेलाइट को नाकाम करने के लिए टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है। अख़बार का दावा है कि अगर ये सैटेलाइट चीन की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं तो इन्हें तबाह कर दिया जाएगा, साथ ही इन सैटेलाइट की हर एक्टिविटी पर भी नजर रखी जाएगी।
अब आपको बताते है स्टारलिंक क्या है?
दरअसल एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने छोटे-छोटे सैटेलाइट का ऐसा नेटवर्क बनाया है।जो धरती की लोअर ऑर्बिट में मौजूद हैं। इन सैटेलाइट का काम हाई स्पीड में डेटा ट्रांसमिशन करना है, इसे ही 'स्टारलिंक' नाम दिया गया है।
अगर भविष्य में जंग छिड़ती है तो ये सैटेलाइट अमेरिकी सेना के लिए काफी मददगार होंगे। इन सैटेलाइट की मदद से ड्रोन और स्टेल्थ फाइटर जेट्स का डेटा ट्रांसमिशन 100 गुना तक बढ़ाया जा सकता हैं। ये सैटेलाइट धरती में किसी भी जगह चाहे वो जंगल हो, रेगिस्तान हो, या फिर पहाड़, किसी भी तरह का मौसम हो, यहां तक कि तूफान के बीच भी इंटरनेट सेवा मुहैया करवा देते हैं। चीन इसी बात से खौफजदा है।
हालांकि चाइना स्टारलिंक सैटेलाइट को तबाह करने के लिए किस तकनीकि का इस्तेमाल करेगा। इसका खुलासा नहीं हो पाया है लेकिन इतना तय है कि चाइना किसी सस्ती और सटीक तकनीकि पर काम कर रहा है। मतलब साफ है मिसाइल के जरिए चाइना इन सैटेलाइट को तबाह नहीं करेगा। क्योंकि अंतरिक्ष में स्टारलिंक की ढाई हजार से ज्यादा सैटेलाइट मौजूद हैं और एलन मस्क अगले कुछ सालों में इनकी संख्या 10 हजार तक बढ़ाना चाहते हैं। अगर चाइना इतने बड़े स्तर पर मिसाइल दागेगा तो ये उसके लिए घाटे का सौदा होगा, साथ ही ये सैटेलाइट काफी छोटी हैं तो इन्हें टारगेट करना भी मुश्किल होगा। चाइना इन सैटेलाइट को नाकाम करने के लिए लेजर और माइक्रोवेव तकनीकि की मदद लेगा जिस पर रिसर्च जारी है। चीन के पास ऐसी तकनीकि पहले से ही मौजूद है। बस इसे और विकसित करने की जरुरत है।
एलॉन मस्क को खतरा केवल चाइना से ही नहीं है। हाल ही में रूस की रोस्कोस्मोस अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने भी मस्क को धमकी दी थी क्योंकि रूस ने यूक्रेन में इंटरनेट सुविधा तबाह कर दी थी। उसके बाद एलॉन मस्क यूक्रेनी फौज को अपने इसी स्टारलिंक सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट मुहैया करवा रहे हैं, जिससे रूस खफा है और उसने मस्क को अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली है।