यूरोप में कोरोना के क्या हालात हैं?
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कोरोना के हर 100 नए मामलों में से 53 यूरोप से ही हैं. पिछले एक हफ्ते में यूरोप में 1.8 करोड़ नए मामले मिले हैं, जो उससे पिछले हफ्ते के मुकाबले 6% ज्यादा है. इन आंकड़ों ने दुनिया भर के एक्सपर्ट्स की चिंता इसलिए बढ़ा दी है, क्योंकि यूरोप की आधी से ज्यादा आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुकी है. यूरोप के कई देशों ने तो अपनी 70% से ज्यादा आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज दे दिए हैं. लेकिन बावजूद इसके इटली, जर्मनी, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, ग्रीस और फ्रांस ऐसे देशों की लिस्ट में शामिल हैं जहां नए केसेस की रफ्तार आए दिन रिकॉर्ड तोड़ रही है. चलिए अब आपको बताते हैं ऐसा क्यों हो रहा है?
यूरोप में हालात इतने खराब क्यों?
कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने का एक कारण है यूरोपीय देशों में सर्दियों का बहुत तेज होना, जिस वजह से वहां के लोग बंद एनवॉयरमेंट में रहते हैं. वहां आमतौर पर फ्लू भी सर्दियों के मौसम में ही ज्यादा फैलता है, क्योंकि यूरोप में अभी सर्दियां शुरू हो रही हैं इसलिए वहां केसेस रफ्तार पकड़ने लगे हैं. वहीं वहां के देशों में लोगों को वैक्सीन पहले ही लग गई जबकि वो संक्रमित बाद में हुए, यानि वहां के लोगों में संक्रमण के बाद शरीर में डेवलप होने वाली नेचुरल इम्यूनिटी नहीं थी, जो कोरोना के केस बढ़ने की बड़ी वजह है.