रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के खत्म होने के आसार दूर दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं... इस युद्ध से यूक्रेन को ही नहीं बल्कि रूस को भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है... इस बीच रूस की स्पेस एजेंसी रॉस कॉसमॉस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने बड़ी धमकी दी है... उन्होंने कहा अगर परमाणु युद्ध हुआ तो रूस नाटो देशों को आधे घंटे में खत्म कर देगा. .. दिमित्री अपने उकसाने और धमकाने वाले बयानों के लिए जाने जाते हैं. यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद से दिमित्री रोगेजिन लगातार ऊटपटांग बातों से दुनिया को डराने की कोशिश कर रहे हैं.
पिछले हफ्ते खबर आई थी कि दिमित्री रोगोजिन ने स्पेसएक्स कंपनी के मालिक और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को धमकाया था. इससे पहले वो स्पेस स्टेशन से हटने और स्पेस स्टेशन को गिराने की धमकी तक दे चुके हैं... रूसी स्पेस एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने अपने टेलीग्राम एकाउंट पर लिखा है कि एलन मस्क यूक्रेन की फासिस्ट सेना को मिलिट्री कम्यूनिकेशन के लिए टैक्नीक दे रहे हैं. इसके लिए एलन जिम्मेदार हैं. वो किसी वयस्क की तरह ही जिम्मेदार माने जाएंगे, भले ही वो इस युद्ध के बीच बचपने वाली हरकतें करें. दिमित्री रोगोजिन ने अपने टेलिग्राम एकाउंट पर लिखा था कि अगर परमाणु युद्ध हुआ तो नाटो देशों को आधे घंटे में खत्म कर देंगे. उन्होंने ये नहीं बताया कि इसके अलावा कोई और विकल्प होगा क्या. लेकिन साथ ही ये भी कहा कि हम इसे होने नहीं देंगे... क्योंकि अगर सभी देशों ने परमाणु हमला शुरु कर दिया तो धरती की स्थिति बिगड़ जाएगी.
रूस की स्पेस एजेंसी प्रमुख ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इसलिए जरूरी है कि किसी भी देश को हराने के लिए आर्थिक और मिलिट्री के पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाए. ऐसी जीत का आनंद अलग ही होता है. रूस अपनी मिलिट्री और उससे जुड़ी इंडस्ट्री को युद्धक्षेत्र में पूरी तरह से झोंक सकता है. ये काम अगर तेजी से हो तो जीत आसानी से मिलेगी. दिमित्री रोगोजिन का यह अंदाजा कि परमाणु युद्ध धरती के लिए नुकसानदेह हो सकता है. ये सही है. क्योंकि साल 2017 में एनवायरमेंट मैगजीन में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक एक छोटा सा परमाणु युद्ध भी 'परमाणु आपदा' ला सकता है. इससे पहले एक स्टडी आई थी जिसमें कहा गया था कि छोटा सा परमाणु विस्फोट 55 लाख टन राख स्ट्रैटोस्फेयर में भेजकर सूरज की रोशनी को ढंक सकता है.
अगर यह राख वायुमंडल में लगातार कुछ महीनों तक रह जाती है तो सूरज की रोशनी नहीं मिलेगी. गर्मी खत्म हो जाएगी. सर्दियां आ जाएंगी. फसलें खराब हो जाएंगी. लोग सांस संबंधी बीमारियों और रेडिएशन से बीमार होंगे. यानी एक बड़ी तबाही की ओर धरती चली जाएगी.