दुनियाभर में ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते कहर के बीच अब एक नई मुसीबत ने दस्तक दे दी है. फ्रांस में वायरस के नए वेरिएंट की खोज हुई है जिसका नाम IHU बताया जा रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस वेरिएंट को ओमिक्रॉन वेरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक बता रहे हैं. माना जा रहा है कि इसकी वजह से संक्रमण की नई लहर आ सकती है. नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस नए वेरिएंट से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे. वेरिएंट IHU क्या है... ये कितना खतरनाक है... किन देशों में इसके मामले सामने आए हैं... WHO ने इस पर क्या कहा है... इन सभी सवालों के जवाब के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ.
क्या है IHU वेरिएंट?
IHU वेरिएंट B.1.640 का सब-लीनियेज है और इसकी खोज की घोषणा फ्रांस के ‘इंस्टिट्यूट हॉस्पिटलो-यूनिवर्सिटेयर्स’ यानि IHU के रिसर्चर्स ने की थी. यही वजह है कि वेरिएंट को IHU नाम दिया गया है. ये वेरिएंट ऐसे समय पर आया है, जब दुनियाभर में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दहशत फैलाई हुई है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IHU वेरिएंट का पहला मामला पिछले साल मिड नवंबर में सामने आया था. नया वेरिएंट फ्रांस के एक व्यक्ति में पाया गया था, जो अफ्रीका के कैमरून से लौटा था. कैमरून वही महाद्वीप है, जहां ओमिक्रॉन भी मिला था. उसे फेफड़ों में समस्या संबंधी लक्षण महसूस होने लगे और फिर कोरोना टेस्ट में वो संक्रमित पाया गया. उसके शरीर में B.1.640.2 वेरिएंट की पुष्टी की गई जिसके बाद दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस में 11 और मामले सामने आए. इस वेरिएंट को लेकर दुनियाभर के विशेषज्ञों ने चिंता जताई है.
कितना खतरनाक है वेरिएंट?
इस वेरिएंट के जेनेटिक कोड में 46 म्यूटेशन और 37 डिलीशन है जो ओमिक्रॉन म्यूटेशन से ज्यादा हैं. इसमें से कई स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि आईएचयू वेरिएंट वैक्सीन को लेकर ज्यादा प्रतिरोधी है इसलिए ये और भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इस पर किसी वैक्सीन का असर नहीं होगा. हालांकि कुछ शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी IHU वेरिएंट पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी क्योंकि अब तक कम संख्या में लोग इसकी चपेट में आए हैं. साथ ही इसके व्यवहार की जांच अभी बहुत early stage में है.
WHO ने क्या कहा?
WHO ने फ्रांस में मिले IHU वेरिएंट को बड़ा खतरा नहीं माना है. WHO ने कहा कि ये नया वेरिएंट हमारे रडार पर है. फ्रांस में इस वेरिएंट से 12 लोग उसी वक्त संक्रमित पाए गए थे, जब पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन मिला था. WHO के मुताबिक आईएचयू अभी तक सिर्फ फ्रांस में मिला है. एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएचयू वेरिएंट के पहले मामले के बारे में नवंबर 2021 में ही पता चल गया था. WHO कई तरह के वेरिएंट को मॉनिटर करता है और अगर वो वेरिएंट खतरे की वजह बन सकता हो तो उसे 'वेरिएंट ऑफ कन्सर्न' में डाल दिया जाता है. फिलहाल डेल्टा और ओमिक्रॉन 'वेरिएंट ऑफ कन्सर्न' के रूप में लिस्टेड हैं. IHU वेरिएंट अभी जांच के दायरे में है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक भविष्य् में भी कोरोना के नए वेरिएंट सामने आते रहेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो ज्यादा खतरनाक होंगे. अब देखना होगा कि IHU कितना खतरनाक साबित होगा और इसे किस श्रेणी में रखा जाएगा.