इंसानी जासूसों के जासूसी के किस्से आपने पढ़ी सुनी होगी. लेकिन क्या कोई जानवर भी जासूसी का काम कर सकता है. जासूसी जैसे काम में किसी जानवर का इस्तेमाल किया जा सकता है. आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो बेहद हैरान करने वाली बात है. इजरायल अपने जासूसी के कारनामों में डॉल्फिन मछलियों का इस्तेमाल करता है. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पूरी दुनिया में मशहूर है. वही खूंखार एजेंसी मोसाद जासूसी जैसे खतरनाक काम में डॉल्फिन मछली का इस्तेमाल तक करती है. सवाल है कैसे. एक डॉल्फिन मछली जासूसी जैसा काम कैसे कर सकती है. तो आज के know this video हम आपको बताएंगे कि क्या कैसे फिलीस्तीनी संगठन हमास की जासूसी के लिए इजराइल डॉल्फिन को ट्रेनिंग दे रहा? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
इजरायल जासूसी के लिए डॉल्फिन मछलियों का इस्तेमाल करता है और इसके लिए उन्हें खासतौर पर ट्रेनिंग दी जाती है. यहूदी देश पर ऐसे आरोप पहले भी लग चुके हैं. इसी से जुड़ा अब एक नया मामला सामने आया है. चरमपंथी समूह हमास ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया है कि उसके गोताखोर ने एक डॉल्फिन को मार दिया, जिसे इजरायल ने ट्रेनिंग दी थी. ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में एक हार्नेस दिखाया गया है. हमास का दावा है कि इसे उसने डॉल्फिन से बरामद किया है.
रक्षा विशेषज्ञ एच आई सटन के अनुसार, हार्नेस डॉल्फिन की नाक में फिट था. ये अमेरिका और रूसी नौसेना में इस्तेमाल किए जाने वाले हार्नेस के समान है. सटन ने कहा कि हार्नेस पर एक भाला बंदूक जैसा डिवाइस लगा हुआ है. डॉल्फिन दोस्त या दुश्मन में फर्क नहीं कर सकती. इसलिए वे घातक हमला नहीं करती. हालांकि, डॉल्फिन टारगेट मार्क करने के काम आ सकती है. हार्नेस डिवाइस इसी तरह के सिस्टम का हिस्सा हो सकता है.
थ्योरी कर रही किलर डॉल्फिन की ओर इशारा
सटन के अनुसार, ऐसे कोई सबूत नहीं है जो इस बात की पुष्टि करते हों कि हार्नेस इजरायली है या डॉल्फिन का है. हालांकि रिपोर्ट में कुछ विश्वसनीयता है. ये इजरायल का एक नौसेना समुद्री स्तनपायी कार्यक्रम हो सकता है. ये थ्योरी 'किलर डॉल्फिन्स' की ओर इशारा करती है. हालांकि हमास की ओर से इजरायल पर इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं. बता दें कि साल 2015 में फिलिस्तीनी अखबार अल-कुद्स ने दावा किया था कि हमास ने एक डॉल्फिन को हिरासत में लिया है, जिसका इस्तेमाल इजराइली नौसेना उसके सशस्त्र विंग के सदस्यों पर हमला करने के लिए कर रही थी. साथ ही, डॉल्फिन में एक रिमोट कंट्रोल मॉनिटरिंग उपकरण भी था.
समुद्री स्तनपायी का इस्तेमाल जासूसी के लिए मुमकिन?
समुद्री स्तनपायी का इस्तेमाल जासूसी के लिए सुनकर अजीब लग सकता है लेकिन ये इम्पॉसिबल नहीं है. स्तनपायी जीवों को भी ट्रेन किया जा सकता है. इनका इस्तेमाल सिर्फ जासूसी तक ही सीमित नहीं है. बहुत से देश डॉल्फिन और दूसरे जीवों में कैमरा या हार्नेस का इस्तेमाल वैज्ञानिक जानकारी और research material जुटाने के लिए भी करते हैं.