सोचिए, अगर आपके शहर के सारे पेट्रोल पंप में फ्यूल खत्म हो जाए... तो क्या होगा ? आप ऑफिस नहीं पहुंच पाएंगे, बच्चे स्कूल नहीं जा पाएंगे... शायद अखबार, दूध समेत खाने पीने की ज़रूरी चीज़े भी आपके घर तक ना पहुँच पाए... यानि आपकी भागती दौड़ती ज़िन्दगी एकदम से ठप हो जाए... डरावना है ना..
लेकिन, ब्रिटेन में फिलहाल ऐसे ही कुछ हालात हैं. यहां पेट्रोल के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं. फ्यूल की कमी के चलते देश के ट्रांस्पोर्ट सिस्टम पर भी काफी बुरा असर देखने को मिल रहा है. साथ ही खाने पीने के सामान की भारी किल्लत हो गई है. तेल की कमी से हाहाकार मचा हुआ है... लेकिन, सरकार और तेल कंपनियां कह रही हैं कि देश में तेल की कोई कमी नहीं है. अगर ऐसा नहीं है तो फिर देश में ऐसे हालात क्यों और कैसे पैदा हो गए? या फिर सच में ब्रिटेन तेल संकट से गुज़र रहा है?
ब्रिटेन के पेट्रोल पंपों पर ऐसा क्या हो रहा है ?
ब्रिटेन के 90 फीसदी पेट्रोल पंप में फ्यूल खत्म हो चुका है जिसके चलते पेट्रोल स्टेशन अस्थायी रूप से बंद हो गए हैं. जो खुले हैं, वहां पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिल रही है. लंबी वो भी इतनी कि कुछ ड्राइवर गाड़ी में सो कर ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे है
तो क्या वाकई ब्रिटेन में पेट्रोल खत्म हो गया है?
शेल, एक्सॉनमोबिल और ग्रीनर्जी जैसी तेल कंपनियां समेत सरकार भी साफ़ कर चुकी है कि देश में पेट्रोल कि कोई नहीं है. दरअसल, इस पूरे क्राइसिस की वजह पेट्रोल की कमी नहीं, बल्कि ट्रक ड्राइवरों की भारी कमी है. ट्रक ड्राइवरों की कमी के चलते ब्रिटेन की सप्लाई चेन ही चरमरा गई है. देश में फ्यूल तो है पर उन्हें टर्मिनल और रिफाइनरी से पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने वाला कोई नहीं है. अनुमान है कि ब्रिटेन में 1 लाख से अधिक ट्रक ड्राइवरों की कमी है जिसके वजह से कई उद्योगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
truck drivers की कमी के पीछ कई वजहें सामने आ रही है. इनमें सबसे बड़ी है ब्रेग्जिट. ब्रेग्जिट के बाद भारी संख्या में ड्राइवर अपने देश यानी दूसरे यूरोपीय देश लौट गए. इसके अलावा कोरोनोवायरस महामारी और विदेशी श्रमिकों का पलायन भी इसके लिए जिम्मेदार है. यूके में Poor working conditions के चलते भी विदेशी ड्राइवरों को देश छोड़ना पड़ा. एक और वजह देश में बड़ी दादाद में बुजुर्ग हो चुके ड्राइवरों का रिटायर होना बताया जा रहा है. ऐसे में ड्राइवरों की बड़े पैमाने पर कमी हुई.
ब्रिटेन के आसपास कई गैस स्टेशन्स पर गाड़ियों की लंबी लाइनें लगी रहीं, जिससे सड़कों पर जाम लग गया. डिपार्टमेंटल स्टोर्स में भी खाने के सामान के शेल्फ खाली पड़े हैं. जो सामान है उसे खरीदने की होड़ मची हुई है. सरकार ने लोगों से कहा है कि देश में खाने और ईंधन की कोई कमी नहीं है, इसलिए लोग सामान खरीदने या ईंधन भरवाने में जल्दबाजी ना दिखाएं.
जानकारों का कहना है कि हेवी गुड्स व्हीकल ड्राइवरों की भारी कमी पूरे यूरोप में है, लेकिन इसमें सबसे अधिक प्रभावित ब्रिटेन हुआ है.
इस समस्या पर सरकार का क्या रुख ?
पेट्रोल संकट से निपटने के लिए ब्रिटेन सरकार अब सेना की मदद लेगी. सेना के जवानों को तैयार रहने को कहा गया है. सेना के टैंकर ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें इस काम में लगाया जा सके और जब ज़रूरत हो तो वे तेल ज़रूरत वाली जगह तक पहुंचा सकें.साथ ही सरकार ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए क्रिसमस तक कम से कम 5,000 विदेशी लॉरी ड्राइवरों को free temporary visa देने की पेशकश की है. हालांकि ट्रक ड्राइवर, गैस स्टेशन और पेट्रोल पंप vendors ने चेतावनी दी है कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है.