इमरान खान ने टीवी इंटरव्यू के दौरान एक ऐसा सनसनीखेज खुलासा किया है, जिससे पाकिस्तान के हुक्मरानों की नींदे उड़ गई हैं। पाकिस्तानी फौज के प्रमुख जनरल बाजवा भले ही इमरान के बयान से इत्तेफाक ना रखते हों लेकिन। इमरान खान का दावा सच निकला तो पाकिस्तान तीन टुकड़ों में बंट जाएगा।
अब सवाल उठता है इमरान खान इतना बड़ा दावा कैसे कर रहे हैं? उनके इस दावे के पीछे कोई वजह तो जरूर होगी। तो आपको बता दें इमरान खान ने आशंका जताई है कि। हिंदुस्तानी थिंक टैंक पाकिस्तान को बांटने की साजिश रच रहा है। अगर ऐसा हुआ तो हालात 1971 से भी बुरे होंगे। पाकिस्तान तीन टुकड़ों में बंट जाएगा। बलूचिस्तान, सिंध और पंजाब तीनों प्रांत इस्लामाबाद के हाथ से निकल जाएंगे। इमरान का कहना है पाकिस्तान आत्महत्या की कगार पर है। अगर सेना सही फैसले नहीं लेती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यूक्रेन की तरह पाकिस्तान के भी परमाणु हथियार छीन लिए जाएंगे। फिर पाकिस्तान एक कमजोर मुल्क बनकर रह जाएगा। इमरान यहीं नहीं रुके। उन्होंने शहबाज शरीफ को अमेरिका और भारत की कठपुतली तक कह डाला। इमरान ने कहा, शहबाज शरीफ पाकिस्तान को बर्बादी की तरफ ले जा रहे हैं।
इमरान के इस बयान पर पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आ गया है। तुर्की दौरे पर गए शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर इमरान खान पर देश के खिलाफ धमकियां देने का आरोप लगाया। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा, उन्हें पाकिस्तान के विभाजन के बारे में सोंचना भी नहीं चाहिए।
खैर, शहबाज जो भी कहें, लेकिन जैसे पाकिस्तान के मौजूदा हालात हैं। देखकर तो ऐसा लगता है पाकिस्तान तीन टुकड़ों में बंट जाएगा। पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर है। महंगाई से जनता की कमर टूट चुकी है। आटा 80 रुपए किलो बिक रहा है। शहबाज शरीफ आटा सस्ता करवाने के लिए अपने कपड़े बेचने को तैयार हैं। पेट्रोल-डीजल और जरूरी सामान खरीदने के लिए फॉरेन रिजर्व नहीं बचा। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का फॉरेन रिजर्व घटकर 10 अरब डॉलर से भी नीचे पहुंच चुका है। इतने पैसों में केवल एक या डेढ़ महीनों के लिए सामान आयात किया जा सकता है। पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक की हालत खस्ता है। IMF से लोन मिल नहीं रहा, वर्ल्ड बैंक भी अपने हाथ पीछे खींच चुका है। ऊपर से विदेशी कर्ज इतना है कि इसे चुकाते-चुकाते पाकिस्तान की हालत पतली हो चुकी है। ऐसा ही रहा तो जल्द ही श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी दिवालिया हो जाएगा।
पाकिस्तान सरकार एक हफ्ते में दो बार पेट्रोलियम के दाम बढ़ा चुकी है। 2 जून को फिर पेट्रोल-डीजल के दाम 30 रुपए तक बढ़ा दिए गए।पाकिस्तानी जनता एक लीटर पेट्रोल के लिए 210 रुपए और डीजल के लिए 204 रुपए चुका रही है। पेट्रोलियम के दाम बढ़ने से इनफ्लेशन यानि महंगाई और बढ़ेगी। 1 जुलाई से बिजली भी 8 रुपए प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी। यानि पाकिस्तानियों की हालत ‘कोढ़ पर खाज’ वाली हो गई है। ऐसी हालत में जनता बगावत नहीं करेगी तो क्या करेगी?
इस्लामाबाद, कराची, लाहौर समेत कई शहरों में जनता रोजाना सड़कों पर उतर रही है। ऐसे में संभव है जनता आंतरिक विद्रोह कर दे। पाकिस्तान पूरी तरह से चीन के कर्ज के जाल में फंस चुका है। चीन पाकिस्तान की खस्ता हालत को देखते हुए मदद का हाथ तो बढ़ा रहा है लेकिन ये पाकिस्तान के लिए खुदकुशी करने जैसा होगा, क्योंकि चीन इसके बदले में पाकिस्तान से कुछ ना कुछ तो गिरवी जरूर रखवा लेगा। जैसा उसने श्रीलंका के साथ किया था, कर्ज नहीं चुकाया तो उसका हंबनटोटा और कोलंबो पोर्ट गिरवी रख लिया। इसी तरह पाकिस्तान अगर दिवालिया हो गया तो फिर विदेशी कर्ज चुकाने के लिए उसे दूसरे देशों की शर्तें माननी पड़ेंगी। और संभव है कि पाकिस्तान को उसके परमाणु हथियार छोड़ने का दबाव बनाया जाए। मजबूरी में पाकिस्तान को शर्तें माननी पड़ेंगी। यानि इमरान खान जो दावा कर रहे हैं वो पाकिस्तान की मौजूदा हालत को देखते हुए काफी हद तक सही भी है।