अपनी तेजी से बूढ़ी होती आबादी से चीन बहुत परेशान है. चीन उन देशों में है, जहां दुनिया के सबसे ज्यादा वृद्ध लोगों की आबादी भी है. दरअसल चीन पर उसकी ही कुछ गलत नीतियां भारी पड़ती नजर आ रही हैं. जो उसे खतरनाक स्थिति में ले जा रही हैं. चीन ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए one चाइल्ड पॉलिसी लागू की थी. जिसके अब वो दुष्परिणाम झेल रहा है. फिलहाल चीन की यही स्थिति है. इसका अंदाज इससे हो जाता है कि चीन में वृद्धों के लिए जो पेंशन स्कीम या दूसरी कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही थीं, वो फंड के अभाव में चरमराने लगी हैं. इसी के चलते चीन को पहली बार रिटायरमेंट में देरी करनी पड़ रही है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको चीन बूढ़ी होती आबादी जुड़ी हर जरूरी बात बताएंगे साथ ही बताएंगे कि इस पूरे मामले में खतरनाक स्थिति में क्यों पहुंच गया है चीन? बस आप बने रहिए हमारे साथ..
चीन में बुजुर्गों के मामले में योजनाएं लागू करने और नई योजनाओं के लिए एक पंच वर्षीय स्कीम चलाई जाती है. इस बार जब संबंधित 14वीं पंचवर्षीय योजना खत्म हुई तो पता चला कि सरकार के ऊपर पेंशन पालिसी और बुजुर्ग कल्याण सिस्टम पर इतना भारी बोझ बढ़ चुका है कि संभाले नहीं संभल रहा है. ये समस्या पिछले कुछ सालों से ही गंभीर हो रही थी लेकिन अब लगता है कि ये बहुत नाजुक दौर में पहुंच चुकी है. इसीलिए जब सरकार को इस बार में बताया गया तो चीन की सरकार हरकत में आ गई.
चीन को बुर्जुगों की बेहतर केयर और अन्य सुविधाओं के मामले में ग्लोबल एज वॉच इंडैक्स ने 52वें नंबर पर रखा है. ये बात अलग है कि भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे एशियाई देश इस इंडैक्स में और भी पीछे हैं. ये इंडेक्स कई पैमानों पर देखता है कि वृद्ध हो चुके लोगों के लिए आर्थिक से लेकर समुदाय और स्वास्थ्य क्षेत्र तक उनके अनुकूल कितनी और कैसी सुविधाएं और सुरक्षा है. इस मामले में स्विट्जरलैंड नंबर वन की पोजिशन पर है.
चीन अब भी दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बना हुआ है. पिछले 10 सालों में चीन की आबादी 7.2 करोड़ बढ़ी है, लेकिन बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से चीन के लिए एक अलग तरह की समस्या खड़ी होती जा रही है. दुनिया में जितने भी देश हैं, उनमें चीन ऐसा देश है, जो तेजी से सबसे ज्यादा बुर्जुर्गों के देश में तब्दील हो रहा है. साल 2015 में यहां 25.4 करोड़ लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के थे तो 17.6 करोड़ लोग 65 साल से ऊपर के. अनुमान है कि 2040 में चीन में 40 करोड़ से ज्यादा लोग 60 साल से ऊपर की उम्र के होंगे. ये कुल आबादी का 28 फीसदी होगा. ये क्रम आने वाले सालों में और बढ़ेगा.
अब आपको बताते हैं कि आखिर इस गंभीर समस्या से चीन क्यों जूझ रहा है? सच कहें तो चीन काफी हद तक अपनी इस समस्या जिम्मेदार है 1979 में लागू की गई वन चाइल्ड पालिसी ने चीन की सामाजिक संरचना को बुरी तरह छिन्न-भिन्न करके रख दिया. इसलिए जब चीन को इस नीति से हुई बड़ी गलती का अहसास हुआ तो 2015 में टू चाइल्ड पालिसी लागू की गई और मई 2021 में तीन बच्चों की पॉलिसी की घोषणा कर डाली गई. तीसरी वजह एक और है कि चीन में भी अब युवा शादी से बचने लगे हैं और बच्चे पैदा नहीं करना चाहते. तलाक भी बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं.
बता दें कि फिलहाल दुनिया में 90 करोड़ के आसपास 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग हैं लेकिन 2050 में ये तादाद 200 करोड़ के ऊपर चली जाएगी. अब देखना होगा कि चीन खुद बनाए अपने इस जाल से कैसे बाहर निकल पाएगा?