अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले महीने सऊदी अरब के दौरे पर जाने वाले हैं। तारीखों का ऐलान फिलहाल नहीं हुआ है लेकिन दुनियाभर की नजरें बाइडेन के इस दौरे पर टिकी होंगी।प्रेसीडेंट बनने के बाद बाइडेन ने सऊदी अरब को कोई खास तवज्जो नहीं दी। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और सऊदी प्रिंस सलमान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। यहां तक कि राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन ने फोन पर भी मोहम्मद बिन सलमान से बात नहीं की। इसकी पीछे भी बड़ी वजह थी, दरअसल 2018 में वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल ख़ाशग़्जी की हत्या तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में हुई थी। जमाल की हत्या को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन प्रिंस सलमान को जिम्मेदार मानते हैं। बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी ने कई बार कहा है, ‘प्रिंस सलमान का इस कत्ल में हाथ है, क्योंकि वो जमाल के सऊदी विरोधी रवैये से सख्त खफा थे’। 2019 में बाइडेन ने प्रिंस सलमान को इशारों-इशारों में कातिल तक कह दिया था।
अब सवाल उठता है इन सबके बावजूद भी बाइडेन सऊदी अरब के दौरे पर क्यों जा रहे हैं? तो आपको बता दें इसकी बड़ी वजह है चीन। गल्फ कंट्रीज में चीन अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। तो बाइडेन उसकी काट खोजेंगे। व्हाइट हाउस की तरफ से बयान जारी हुआ है जिसमें कहा गया है कि। ‘बाइडेन अमेरिकी हितों की वजह से सऊदी अरब जा रहे हैं। हम जल्द ही तारीख का ऐलान करेंगे, वो इजराइल भी जाएंगे। हमें उम्मीद है कि इस विजिट के जरिए सऊदी और अमेरिका के रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत हो सकेंगे। सऊदी हमारा 80 साल से स्ट्रैटेजिक पार्टनर है‘
बाइडेन के दौरे की एक बड़ी वजह रूस भी है।क्योंकि यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका रूस से पेट्रोलियम का आयात बंद करने का ऐलान कर चुका है। इसकी भरपाई उसे खाड़ी देशों से करनी होगी। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति सऊदी अरब से ऑयल प्रोडक्शन बढ़ाने की गुजारिश करेगा। ताकि पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके।
बाइडेन सऊदी अरब के साथ ही इजराइल भी जाएंगे।बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प के दौर में अमेरिका ने इजराइल और खाड़ी देशों के रिश्ते सुधारने के लिए काफी कामयाब कोशिशें कीं थीं। यूएई समेत 5 खाड़ी देश इजराइल से डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू भी कर चुके हैं। अब सऊदी भी तेजी से इजराइल के करीब आ रहा है। माना जा रहा है कि बाइडेन की विजिट के दौरान इजराइल और सऊदी के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू करने पर बड़ा फैसला हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो ये बाइडेन की बहुत बड़ी कामयाबी होगी। सऊदी में इजराइल की मौजूदगी ईरान को रोकने में मददगार साबित होगी। ये बात प्रिंस सलमान भी बखूबी समझते हैं। अब जबकि बाइडेन खुद सऊदी अरब जा रहे हैं तो जाहिर है प्रिंस सलमान और उनके बीच तल्खियां कम होंगी और इसका सीधा फायदा दोनों देशों को मिलेगा।