चीन के दक्षिणी प्रांत गुआंगशी झुआंग क्षेत्र में सोमवार को Boeing 737 एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में सवार सभी 132 लोग मारे गए हैं. इन 132 लोगों में 123 यात्री और चालक दल के 9 सदस्य थे. कहा जा रहा है कि विमान में एक भी विदेशी नागरिक नहीं थे. चाइना ईस्टर्न एयरलाइन का ‘बोइंग 737’ विमान तेंगशियान काउंटी के वुझो शहर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिससे आसपास के पहाड़ी इलाके में आग लग गई. विमान कुनमिंग से गुआनझो जा रहा था. यह करीब एक दशक में चीन का सबसे बड़ा विमान हादसा है.
घटना पर प्रधानमंत्री ली क्विंग ने पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने का प्रयास करते हुए कहा कि उनकी सहायता की जाएगी, समय पर तथ्यात्मक रूप से सही जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी, दुर्घटना की जांच पूरी गंभीरता से की जाएगी और नागरिक उड्डययन क्षेत्र में सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे पिछले कुछ सालों में Boeing 737 विमान हादसों का सेंटर रहा है. इसमें क्या खामियां डिटेक्ट की जा रही हैं और क्यों इसे उड़ता ताबूत कहा जाने लगा है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
अक्टूबर 2018 में, बोइंग 737 मैक्स विमान इंडोनेशिया के जकार्ता से टेकऑफ़ के तुरंत बाद जावा सागर में crash हो गया था. इसके बाद मार्च 2019 में इसी मॉडल का एक और विमान इथियोपिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इन दोनों हादसों में कुल 346 लोगों की मौत हुई थी. उस वक्त जांच में पता चला था कि प्लेन क्रैश की मुख्य वजह जेटलाइनर की डिजाइन में खामी थी. MCAS एक ऐसा सिस्टम है जो aircraft की नाक को नीचे धकेलने के लिए जिम्मेदार होता है. अगर किसी विमान की नाक बहुत ऊपर है, तो विमान स्पीड खो देता है और ऐसी situation में वो आकाश से सीधा नीचे गिर सकता है. दोनों दुर्घटनाओं में MCAS प्लेन के एंगल को ठीक से समझ नहीं पाया. गलत रीडिंग की वजह से विमान की नाक नीचे हुई और विमान क्रैश हो गया.
महज 5 महीने में दो बड़े क्रैश के बाद, विश्व स्तर पर aviation authorities ने विमान को रोकने का फैसला किया. बोइंग 737 मैक्स विमानों को रोकने वाला पहला देश चीन था. फिर नवंबर 2020 में, US FAA यानि Federal Aviation Administration ने बोइंग 737 मैक्स पर बैन हटा दिया. साथ ही जापान, यूरोप, यूके, कनाडा, ब्राजील, यूएई, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने technical modifications और additional pilot training के बाद विमान की वापसी को मंजूरी दे दी. वहीं चीन ने पिछले साल दिसंबर में ही बोईंग विमानों को दोबारा इस्तेमाल करने का फैसला किया. लगभग 175 देशों ने इस विमान को दोबारा संचालन की मंजूरी दी है. बता दें पिछले साल ही भारत की aviation safety regulator DGCA ने ढाई साल बाद बोइंग 737 मैक्स विमानों के commercial operations पर लगी पाबंदी को हटा लिया है. हालांकि इस घटना के बाद भारतीय विमान कंपनियों के बोइंग 737 बेड़े की निगरानी बढ़ा दी गई है.