ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी ने कंपनी के CEO पद से इस्तीफा दे दिया है. भारतीय मूल के पराग अग्रवाल अब कंपनी के नए CEO होंगे. 37 साल के पराग अब तक कंपनी में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर थे. आज इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि पराग अग्रवाल कौन है... वो ट्विटर CEO की पोजिशन तक किस तरह पहुंचे... उनकी इस सफलता के पीछे क्या कहानी है... इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देंगे....
कौन हैं पराग अग्रवाल?
पराग अग्रवाल का जन्म मुंबई के खड़गपुर में हुआ था. मुंबई के ही Atomic Energy Central School से उन्होंने अपनी स्कूलिंग कंप्लीट की. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से Computer Science and Engineering में बीटेक की डिग्री ली. इसके बाद पराग अमेरिका चले गए और वहां कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में पीएचडी की. 2006 में पराग ने Microsoft में बतौर रीसर्चर अपने करियर की शुरूआत की. इसके बाद उन्होंने Google, Yahoo, Adobe, IBM, Palo Alto Networks जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम किया.
कैसे हुई ट्विटर में एंट्री ?
पराग ने 10 साल पहले यानि साल 2011 में ट्विटर जॉइन किया था. जैक डॉर्सी ने ही पराग को हायर किया था. जब वो कंपनी में शामिल हुए थे, तब ट्विटर कर्मचारियों की संख्या 1,000 से भी कम थी. उन्होंने ट्विटर में एड-रिलेटेड प्रोडक्ट्स पर काम करने से शुरुआत की थी फिर बाद में वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने लगे. पराग के हार्ड वर्क को देखते हुए साल 2018 में उन्हें कंपनी का CTO cheif technical officer बनाया गया. CTO के तौर पर पराग ने मशीन लर्निग पर काफी काम किया और अब सिर्फ वो इस कंपनी के CEO बन गए हैं. पराग अब दुनिया की टॉप 500 कंपनियों के सबसे युवा CEO बन गए हैं
शुरू से ही जैक डॉर्सी को पराग अग्रवाल का काम बहुत पसंद था. वो उन्हें कितना पसंद करते हैं इस बारे में उन्होंने कर्मचारियों को भेजे गए मेल में भी लिखा है. डॉर्सी ने लिखा कि- " ट्विटर CEO के तौर पर पराग पर मेरा भरोसा बहुत गहरा है. पिछले 10 साल में उनका काम बदलाव लाने वाला रहा है. वो अपनी स्किल, दिल और आत्मा से काम करते हैं, जिसके लिए मैं तहेदिल से उनका शुक्रगुजार हूं। अब ट्विटर को लीड करने का उनका समय है". (scroll). डॉर्सी ने ये भी कहा कि वो पराग की personality और work efficiency के कायल हैं. पराग ने भी ये पॉजिशन मिलने पर Dorsey का काफी आभार जताया और इसे सम्मान की बात बताया.
बोर्ड में बनें रहेंगे डॉर्सी !
साल 2006 में डोर्सी ने अपने तीन साथियों के साथ सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर की स्थापना की थी. जैक डॉर्सी ने अब सीईओ पद से तो इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वो अपना कार्यकाल खत्म होने तक कंपनी के बोर्ड सदस्य बने रहेंगे. डॉर्सी का कार्यकाल 2022 में खत्म होगा. अपने ट्विटर अकाउंट पर एक लेटर शेयर करते हुए उन्होंने पद छोड़ने को लेकर दुख भी जताया है. हालांकि पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह काफी खुश भी हैं और ये उनका अपना फैसला है. डॉर्सी ने कहा कि कंपनी में कई भूमिकाएं निभाने के लगभग 16 साल बाद मैंने फैसला किया कि आखिरकार मेरे जाने का समय आ गया है. पराग अग्रवाल हमारे सीईओ बन रहे हैं.