रूस और यूक्रेन जंग को एक महीने से ज्यादा का वक्त पूरा हो गया है. रूस ने यूक्रेन के तमाम शहरों को पूरी तरह तबाह करने के बाद अब उन शहरों की तरफ बढ़ना शुरू हो गया है, जो अभी तक युद्ध की मार से बचे हुए थे. खबर है कि यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने में असफल होने पर रूस ने फिर अपनी रणनीति बदली है. रूसी प्रधानमंत्री ने अपना ध्यान कीव से हटाकर डोनबास की तरफ कर लिया है. पूर्वी डोनबास क्षेत्र पर कब्जा करके रूस यूक्रेन को कई तरह से नुकसान पहुंचाना चाहता है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि डोनबास पर कब्जा करके रूस यूक्रेन को किस तरह से नुकसान पहुंचाना चाहता है और इससे कितना कुछ बदलेगा? आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
डोनबास यूक्रेन का औद्योगिक शहर है. रूस यहां कब्जा करने के लिए रूस समर्थक अलगाववादियों का सहारा ले रहा है. यहां बड़ी संख्या में रूसी बोलने वाले लोग रहते हैं और रूस इसका ही फायदा उठा रहा है. 2014 के बाद से ही यहां रहने वाले रूस समर्थक अलगाववादी यूक्रेन के बल से लड़ रहे हैं. इसी दुश्मनी का फायदा उठाते हुए रूस ने इन पर अपना विश्वास जताया है और जंग में शामिल किया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक रूसी जनरल स्टाफ के उप-प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रूडस्कोई ने कहा है कि हमने यूक्रेन की लड़ने की क्षमता को कम करने का लक्ष्य पा लिया है. अब हमारा फोकस डोनबास की आजादी पर है.
अमेरिका के शीर्ष सेना अधिकारी का दावा है कि रूस मारियुपोल और डोनबास पर कब्जा करने में जुटा है. माना जा रहा है कि इन दोनों शहरों पर कब्जा करने के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंचने वाली मदद को रोका जा सकता है. आर्थिक नजरिए से देखें तो यूक्रेन के लिए ये दोनों शहर बेहद खास हैं. यहां से सामान यूक्रेन के दूसरे हिस्से तक पहुंचता है. अगर इन हिस्सों में रूस कब्जा कर लेता है तो भविष्य के लिए यूक्रेन को आर्थिक नुकसान होना तय है और हर जरूरी सामान पहुंचने पर भी रूस पाबंदी लगा देगा. यूक्रेन को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा... साथ ही दूसरे देशों से कर्ज लेने पर यूक्रेन पर बोझ बढ़ेगा.
वहीं मारियुपोल की बात करें तो भौगोलिक रूप से ये बहुत छोटा-सा शहर है, लेकिन क्रीमिया पर क़ब्ज़ा करने के बाद ये रूस के लिए अहम हो गया है. अगर मारियुपोल पर क़ब्ज़ा हो जाता है तो रूस के पास काला सागर से सटे यूक्रेन के 80 फीसदी तटीय क्षेत्र होंगे. इससे यूक्रेन के समुद्री व्यापार को बड़ा झटका लगेगा. रूस लगातार अपने सैनिकों को पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में मौजूद अलगाववादियों से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. देखना होगा कि रूस की ये रणनीति कितनी सफल होगी.