यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से यूक्रेन के आम लोगों का बुरा हाल हो चुका है. यूक्रेन में हिंसा के चलते लोगों ने मुल्क छोड़ना शुरू कर दिया है वहीं कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए शेल्टर्स में छिप गए हैं. भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि वे हमले के सायरन सुने तो बॉम्ब शेलटर्स की तलाश कर वहां छिप जाएं. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बॉम्ब शेल्टर्स के बारे में सब कुछ बताएंगे. ये क्या होते हैं. युद्ध की स्थिति में ये कितने सेफ होते हैं. ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
बॉम्ब शेल्टर्स उस बंद जगह को कहा जाता है जिसे लोगों को बम और मिसाइल जैसे विस्फोटक हथियारों के प्रभाव से बचाने के लिए बनाया जाता है. यह अंडरग्राउंड होते हैं और इसे बम के प्रभावों से बचाने के लिए खास तरह से डिजाइन किया जाता है. ये बॉम्ब शेल्टर हवा से गिरने वाले बमों से नागरिकों को बचा सकते हैं.
औपचारिक बॉम्ब शेल्टर में कई सुविधाएं होती हैं जैसे पीने का पानी, पैकेट बंद खाना, आपातकालीन दवाएं, रेडियो, इमरजेंसी फ्लैश लाइट या टॉर्च, एक्स्ट्रा बैटरी. यहां पर कम से कम तीन दिन की जरूरतों के लिए इस तरह का सामान जमा करके रखा जाता है.
जरूरी नहीं कि हर जगह या शहर में बॉम्ब शेल्टर बने हों. शहर में कई ऐसी जगह भी होती हैं जो जरूरत पड़ने पर बॉम्ब शेल्टर का काम दे सकती हैं या बॉम्ब शेल्टर की तरह उपयोग में लाई जा सकती है. इस वक्त यूक्रेन में दुकानों, बार, अंडरपास, कोल्ड वार न्यूक्लियर शेल्टर और स्ट्रीप क्लब को शेल्टर होम में बदला गया है. वहां मेट्रो स्टेशनों को ऐसा तैयार किया गया है, जिसका इस्तेमाल बॉम्ब शेल्टर के तौर पर किया जा सके. अधिकारियों ने भी नागरिकों से अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में शेल्टर लेने को कहा है. यूक्रेन में पूर्वी यूरोप का सबसे बड़ा और सबसे पुराना अंडरग्राउंड नेटवर्क है. कीव में अब तक साढ़े 4 हजार से ज्यादा शेल्टर होम बनाए गए हैं.
रूस से जारी संघर्ष के बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और हम अपने क्षेत्र का एक इंच हिस्सा भी नहीं छोड़ेंगे. इससे पहले राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस के साथ यूक्रेन बातचीत करने को तैयार है, लेकिन उन्होंने इसके लिए जगह के रूप में बेलारूस को चुनने से इनकार कर दिया है. जेलेंस्की का कहना था कि बेलारूस का इस्तेमाल मॉस्को अपने आक्रमण के लिए लॉन्चपैड के रूप में कर रहा था. बता दें कि पुतिन ने रूसी परमाणु निवारक बलों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. देखना होगा कि इस लड़ाई में कौन किस पर भारी पड़ता है.