रूस यूक्रेन के बीच जंग को शुरू हुए लगभग 2 महीने पूरे होने वाले हैं. रूस ने हमला तेज करते हुए यूक्रेन के कई शहरों पर ताबड़तोड़ अटैक किए हैं. इसके बावजूद यूक्रेन जंग में डटा हुआ है और रूस को कड़ी टक्कर दे रहा है. यूक्रेन रूस के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं. इतनी बड़ी मिलिट्री पॉवर होने के बावजूद रूस की सेना यूक्रेन के सामने बेअसर साबित हो रही है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर किस तरह यूक्रेन जंग के मैदान में डटा हुआ है और रूस को चुनौती दे रहा है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
दरअसल यूक्रेन को इस जंग में रूस का सामना करने के लिए नाटो देशों से सहयोग मिल रहा है. अमेरिका से अब तक यूक्रेन को 1400 से ज्यादा स्टींगर मिसाइल, 5 हजार जैवलिन मिसाइल, 7 हजार से ज्यादा एंटी आर्मर, 5 करोड़ से ज्यादा गोलियां, 45 हजार से ज्यादा बॉडी आर्मर और हेलमेट, लेजर गाइडेड रॉकेट सिस्टम जैसी सैन्य सामग्री मिल चुकी है. पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 800 मिलियन डॉलर की और मदद देने का ऐलान किया था. बता दें अमेरिकी सेना यूक्रेन की सेना को खास ट्रेनिंग भी दे रही है.
ब्रिटेन ने भी यूक्रेन को 132 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद का ऐलान किया था. ब्रिटेन ने यूक्रेन को 4 हजार से ज्यादा NLAW मिसाइल, एंटी-टैंक मिसाइल, जैवलिन मिसाइल, एंटी-एयर मिसाइल, 3 हजार बॉडी आर्मर, 2 हजार हेलमेट और 4 हजार बूट मुहैया कराए.
बता दें नाटो ही नहीं बाकी देश भी यूक्रेन की मदद को आगे आए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया के 25 से ज्यादा देशों ने यूक्रेन की सैन्य सहायता की है. अब तक हजारों की तादाद में एंटी-टैंक हथियार, तोप, टैंक, रॉकेट लॉन्चर्स, असॉल्ट राइफल्स यूक्रेन को मुहैया कराई गई हैं.
इसके अलावा लगभग डेढ लाख विदेशी लड़ाके अलग-अलग देशों से आकर वॉलंटियर बनकर यूक्रेन के लिए लड़ रहे हैं. वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के जज्बे के चलते भी यूक्रेन अब तक रूस के साथ डटा हुआ है. रूस ने जेलेंस्की के सामने शर्तें भी रखीं, लेकिन जेलेंस्की ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया. जेलेंस्की ने अपने देश के लोगों से रूस के खिलाफ लड़ने की अपील की. जेलेंस्की लगातार अपनी सेना से संपर्क में बने हुए हैं.
हालांकि बीते हफ्ते जेलेंस्की ने कहा था कि रूस उनके देश के खिलाफ केमिकल हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों से रूस के खिलाफ और ज्यादा सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. अमेरिका का भी कहना है कि रूस यूक्रेन पर केमिकल हमला कर सकता है. देखना होगा कि कब तक यूक्रेन इस जंग में टिक पाता है.