रूस और यूक्रेन के बीच जंग को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है. दोनों देशों की सेनाएं फिर भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रही हैं. यही नहीं दोनों देश एक दूसरे के बड़े नुकसान का भी दावा कर रहे हैं. वहीं इस बीच क्रेमलिन के एक अंदरूनी सूत्र ने दावा किया है कि व्लादिमीर पुतिन की तबीयत ठीक नहीं है और वो जल्द एक गंभीर बीमारी के ऑपरेशन के लिए जाने वाले हैं तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर पुतिन को ऐसी कौन सी बीमारी है जिसका ऑपरेशन करवाने के लिए वो जा रहे हैं साथ ही बताएँगे कि पुतिन के जाने के बाद वो अपने किस इस करीबी को अपनी जिम्मेदारियां सौपेंगे? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ
दरअसल लोकप्रिय टेलीग्राम चैनल जनरल एसवीआर पर एक दावा किया गया है. जिसमें बताया गया है कि पुतिन के ऑपरेशन के बारे में पुष्टि क्रेमलिन के उसके एक विश्वसनीय सूत्र ने की है. जनरल एसवीआर ने बताया कि पुतिन को 18 महीने पहले पेट का कैंसर और पार्किंसन नाम की बीमारी है. उन्होंने पहले ही सर्जरी में काफी देर कर दी है. हालांकि, 9 मई को विक्टरी डे परेड के बाद ही इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रूसी सेना की बहादुरी की याद में मॉस्को के रेड स्कॉयर पर हर साल इस परेड का आयोजन किया जाता है। व्लादिमीर पुतिन इस परेड में बतौर अध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
एसवीआर ने दावा किया कि सर्जरी अप्रैल के अंतिम 15 दिनों में शेड्यूल की गई थी, हालांकि युद्ध के कारण यह संभव नहीं हो सका. जिसके बाद दोबारा पुतिन को सर्जरी कराने की सिफारिश की गई थी, जिसकी तारीख पर चर्चा और सहमति हो रही है.
वहीं हर किसी की निगाह इस बात पर टिकी है कि, पुतिन की गैर मौजूदगी में रूस की कमान किसे सौंपी जाएगी। दरअसल अनुपस्थिति में रूस की कमान रूसी सुरक्षा परिषद के चीफ और खुफिया एजेंसी एफएसबी के पूर्व चीफ निकोलाई पेत्रुशेव को सौंपी जा सकती है. दरअसल पेत्रुशेव की गिनती पुतिन के करीबी लोगों में होती है। खास बात ये है कि निकोलाई के हाथों में यूक्रेन युद्ध की कमान भी रहेगी।
निकोलाई पेत्रुशेव को अब तक रूस यूक्रेन युद्ध की रणनीति के एक प्रमुख वास्तुकार के रूप में देखा जाता है. उन्होंने ही पुतिन को आश्वस्त किया था कि कीव नव-नाज़ियों से भरा हुआ है. जो रूस के खिलाफ लगातार षडयंत्र कर रहे हैं. जिसके बाद पुतिन ने अपने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव को बुलाकर यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दिया था.
बता दें कि इस साल ईस्टर के दौरान भी मॉस्को के एक चर्च में पहुंचे पुतिन के हाव-भाव को लेकर उनके बीमार होने का अंदेशा जताया गया था। हालांकि, क्रेमलिन ने हर बार पुतिन के बीमार होने के दावों का खंडन किया है। इस साल अप्रैल में व्लादिमीर पुतिन कोरोना संक्रमित भी हो गए थे। जिसके कारण उन्हें करीब 1 महीने तक सबसे अलग रहना पड़ा था। इतना ही नहीं, पिछले कुछ समय से पुतिन सार्वजनिक तौर पर बहुत ही कम दिखाई दिए हैं।