देश की आम जनता इन दिनों महंगाई से बेहद परेशान है. सभी जरूरी चीजों के बढ़ते दाम ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. देशभर में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बीते 15 दिनों में 13 बार देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ चुकी हैं. इन दिनों श्रीलंका के आर्थिक संकट की भी हर ओर चर्चा है. हम सब कर्ज में डूबे श्रीलंका की हालत से अच्छी तरह वाकिफ हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी श्रीलंका में पेट्रोल भारत के मुकाबले सस्ता है. पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पेट्रोल भारत से करीब आधी कीमत में बिक रहा है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि भारत में पड़ोसी देशों के मुकाबले पेट्रोल कितना महंगा है. साथ ही जानेंगे कि इस महंगाई की क्या वजह है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
श्रीलंका में पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया गया था जिसके बाद वहां पेट्रोल की कीमत 254 श्रीलंकाई रुपये और डीजल की कीमत 176 पहुंच गई. भारत के एक रुपये की कीमत श्रीलंका के लगभग 4 रुपये के बराबर है यानि भारतीय रुपये के हिसाब से श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत लगभग 64 रुपये और डीजल की कीमत 45 रुपये बैठती है. पड़ोसी देश पाकिस्तान में पेट्रोल भारत से करीब आधी कीमत यानि लगभग 62.53 रुपए प्रति लीटर में बिक रहा है.
अब सवाल है कि भारत में पेट्रोल इतना महंगा क्यों है. दरअसल भारत में पेट्रोल और डीजल पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता है. जब भी पेट्रोल-डीजल के लिए पैसे खर्च करते हैं तो उसमें से लगभग आधा पैसा टैक्स के रूप में सरकार की जेब में जाता है.दिल्ली में एक अप्रैल को पेट्रोल की भाव 101.81 रुपये था. इस पर बेस प्राइस है लगभग 53 रुपये. एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और भाड़ा मिलाकर दाम बेस प्राइस से 2 गुना तक बढ़ जाता है. ऐसे में 53.34 रुपये का पेट्रोल ग्राहक को पेट्रोल पंप पर 101.81 रुपये का मिलता है. ऐसे में बिना टैक्स में राहत दिए पेट्रोल के दाम कम कर पाना मुमकिन नहीं है. वहीं बाकी देशों में ये टैक्स भारतीय मुद्रा के हिसाब से कंपेर्टिवली कम होता है.
बता दें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के चलते करीब साढ़े चार महीने तक पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ जबकि इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई. मूडीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बढ़ाने से तेल कंपनियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपाई के लिए इन कंपनियों को पेट्रोल-डीजल की कीमत में 15 से 20 रुपये का इजाफा करना होगा. माना जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि देश में तेल की कीमतों में इजाफा अंतरराष्ट्रीय वजहों से हो रहा है. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2021 और मार्च 2022 के बीच पेट्रोल की कीमतों में अमेरिका में 51%, कनाडा में 52%, जर्मनी में 55%, ब्रिटेन में 55%, फ्रांस में 50% और स्पेन में 58% की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसकी तुलना में भारत में 5% की वृद्धि हुई है. देखना होगा कि आम आदमी को इस महंगाई से कब राहत मिलेगी.