ब्रिटिश सरकार ने एक रिसर्च की है जिसका का हवाला देते हुए कहा है कि रूसी इंटरनेट ट्रोल दुनिया के नेताओं को ऑनलाइन निशाना बना रहे हैं..साथ ही व्लादिमीर पुतिन के द्वारा यूक्रेन पर किये गए अटैक को समर्थन दे रहे हैं. मतलब कि ब्रिटेन का कहना है कि 'ट्रोल फैक्ट्री' रूसी युद्ध समर्थक झूठ फैला रही है.
बता दें कि इस ट्रोल फैक्ट्री को इंटरनेट रिसर्च एजेंसी के फाउंडर येवगेनी प्रिगोझिन से जुड़ा होने का शक है,ये वो ही हैं जिन पर अमेरिका में 2016 के चुनाव में मध्यस्थता करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद जीता था.. मुख्यालय कथित तौर पर सेंट पीटर्सबर्ग के आर्सेनल मशीन-बिल्डिंग फैक्ट्री में किराए के स्थान पर बना है, जो एक कंपनी है जो military equipment and technology का काम करती है..
रिसर्च के अनुसार online operators को वेटस्टर्न मीडिया आउटलेट्स और राजनेताओं को target करने के लिए फॉलोवर्स को आदेश देते हुए पाया गया, जो इसे प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और दूसरी सरकारों के साथ साझा करने की योजना बना रहा है..
स्टडी में बताया गया है कि कैसे सोशल मीडिया के जरिये रूसी राष्ट्रपति का शासन को लेकर जनता की राय में हेरफेर करने की कोशिश की जा रही है. इसमें ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के साथ और भी कई बड़ी हस्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट शामिल हैं.
इसके अलावा इस स्टडी से जो पता चला है वो ये कि इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक पर इस ट्रोल फैक्ट्री को ज्यादा एक्टिव पाया गया है बताया जा रहा है कि नेटवर्क में मेन रोल "साइबर फ्रंट जेड" नामक एक टेलीग्राम चैनल का है..
कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि इस ट्रोल फार्म ने यूक्रेन में "विशेष सैन्य अभियान" का समर्थन किया है जिसे वो देशभक्ति गतिविधि के रूप में प्रमोट क्र रहा है और इसे सही ठहरा रहा है जिसके चलते salaried workers को खुले तौर पर भर्ती और किराए पर किया जा रहा है..
इधर इस खतरे को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने international partners को सतर्क कर दिया है, और कहा है कि Russian information operations को कमजोर करने के लिए सहयोगियों और मीडिया प्लेटफार्मों के साथ मिलकर काम करना वो जारी रखेगा।