ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते पहली मौत का मामला सामने आया है. 24 नवंबर को सबसे पहले साउथ अफ्रीका में पाया गया ये नया कोरोना वैरिएंट अब तक भारत समेत 60 से अधिक देशों में फैल चुका है. ब्रिटेन और साउथ अफ्रीका के रिसर्चर्स ने अब ओमिक्रॉन पर एक स्टडी की है और इस स्टडी ने दुनियाभर की चिंताएं बढ़ा दी है. आज हम आपको बताएंगे कि स्टडी में इस नए वैरिएंट को लेकर क्या-क्या कहा गया है? भारत में ओमिक्रॉन का क्या हाल है? बाकी देशों में किस तरह केसेज बढ़ रहे हैं?
स्टडी में क्या कहा गया है ?
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और स्टेलेनबोश यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा की गई इस स्टडी में दावा किया गया है कि अगर इस वैरिएंट को लेकर सावधानी नहीं बरती गई तो ब्रिटेन में अप्रैल तक 25 से 75 हजार मौतें हो सकती हैं. ब्रिटेन पहले से ही कोरोना के बढ़ते केसेज से जूझ रहा है और अब स्टडी में कहा गया है कि
* वैरिएंट पर वैक्सीन के असरदार होने के बावजूद हॉस्पिटलाइजेशन रेट में इस साल जनवरी के मुकाबले 60% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. तब हर दिन लगभग 3570 मरीजों हॉस्पिटल में एडमिट हो सकते हैं.
*और अगर वैक्सीन असरदार नहीं रहती है तो रोजाना 7100 से ज्यादा नए केसेज आ सकते हैं.
दुनिया में ओमिक्रॉन की क्या स्थिति?
ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के अब तक 3 हजार से भी ज्यादा केसेज मिल चुके हैं. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दिसंबर के एंड तक 18 साल की उम्र से ज्यादा की आबादी को बूस्टर डोज देने का टारगेट सेट किया है. दुनियाभर में मिल रहे हर 100 नए केसेज में से करीब 64 केस अकेले यूरोप में आ रहे हैं. यूरोप में हर 3 दिन लगभग 10 लाख नए केसेज मिल रहे हैं. वहीं फ्रांस में हर दिन 48 हजार से ज्यादा नए केसेज आ रहे हैं. पोलैंड में हर दिन लगभग 22 हजार नए मामले मिल रहे हैं.
भारत में ओमिक्रॉन का कितना खतरा?
ब्रिटेन में ओमीक्रॉन से हुई पहली मौत भारत के लिए भी खतरे की घंटी साबित हो रही है. अब तक ओमिक्रॉन को लेकर कहा जा रहा था कि वो सबसे संक्रामक है... जानलेवा नहीं. लेकिन ये बात गलत साबित हुई. कोरोना के हर वेरिएंट का एंट्री गेट बने मुंबई में कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. 10 नए मामले मिलने के बाद अब भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों की संख्या 83 हो चुकी है. ये वैरिएंट अब तक देश के 10 राज्यों में पांव पसार चुका है.
केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए कि जिन देशों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है... वहां से यहां आने वाले यात्रियों के साथ ज्यादा सावधानी बरती जाए. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और हॉटस्पॉट पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने और टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की बात भी कही गई है.