आखिरकार गलवान पर चीन का झूठ पकड़ा गया. चीन लगातार गलवान में मारे गए अपने सैनिकों को लेकर झूठ बोल रहा था. भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून 2020 में गलवान के पास हिंसक झड़प हुई थी. आमने सामने की लड़ाई में भारत और चीन दोनों के सैनिक मारे गए. लेकिन चीन अपने मारे गए सैनिकों का नाम लेने को तैयार नहीं था. वो ये बताने को तैयार नहीं था कि भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में उसके कितने सैनिक मारे गए. लेकिन एक आस्ट्रेलियाई अखबार ने चीन के झूठ की पोल खोल दी है. अखबार ने गलवान हिंसा पर एक साल से ज्यादा की जांच के बाद एक सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट ने चीन के झूठ को बेनकाब कर दिया है. तो आज के KNOW THIS VIDEO में हम आपको बताएंगे कि कैसे गलवान पर चीन का झूठ उजागर हुआ साथ ही बताएंगे कि उस दिन आखिर हुआ क्या था? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
दरअसल आस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन के एडिटर एंटोनी क्लेन ने गलवान झड़प की जांच के लिए इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम बनाई थी. ये रिसर्च करीब डेढ़ साल चली जिसके बाद 'गलवान डिकोडेड' नाम की रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में सामने आया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कई सैनिक गलवान झड़प में नदी में बह गए थे. इस बात को चीन बार-बार नकारता रहा है.चीन अपनी सेना को हुए नुकसान की जानकारी देने से बचता रहा.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन ने गलवान का सच छिपाने की कोशिश में दो अलग-अलग incidents और तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया. चीन ने गलवान में मारे गए अपने सैनिकों की सही संख्या कभी नहीं बताई. हालांकि गलवान के अपने 4 सैनिकों को चीन ने मरणोपरांत सम्मानित किया. इससे अंदाजा लगाया गया कि हिंसक झड़प में चीन के 4 सैनिक मारे गए. लेकिन भारतीय सैनिकों के साथ आमने सामने की लड़ाई में चीन के ज्यादा सैनिक मारे गए थे. भारत इस बात को पहले से कहता आ रहा था.
गलवान में हिंसक झड़प 15-16 जून 2020 में हुई थी. रिसर्च में researchers ने पाया कि 15-16 जून की रात में जीरो डिग्री से भी नीचे तापमान था. जिसमें कई चीनी सैनिक गलवान नदी में डूबकर मारे गए थे. इससे पहले, चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो ने भी उस रात 38 चीनी सैनिकों के नदी में बहने की बात कही थी, लेकिन चीनी अधिकारियों इन सभी पोस्ट को हटवा दिया था. आस्ट्रेलियाई अखबार की रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि गलवान हिंसा में चीन के 38 सैनिकों की मौत हुई थी. अखबार ने चीन की झूठ की पोलखोल कर रख दी. चीन जिस बात को अब तक छुपाता रहा था उसे रिपोर्ट ने बेपर्दा कर दिया.
वहीं मई 2020 की शुरुआत में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तिब्बत में पैंगोंग झील के पास भी झड़प हुई थी. चीन ने इस दौरान अपने सैनिकों और सेना को हुए नुकसान पर चुप्पी साधे रखी है.. इतना ही नहीं चीनी मीडिया तक ने भी पैंगोंग झड़प को लेकर कोई रिपोर्टिंग नहीं की है.
बता दें कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ 15-16 जून 2020 की रात को भीषण संघर्ष हुआ था जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपने प्राण गंवा दिए थे. जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं ने बल और भारी हथियारों की तैनाती कर दी थी. दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल पर गलवान में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम अंकित किए गए हैं..
गलवान में चीन के 38 सैनिक मारे गए. लेकिन चीन अपने ही सैनिकों के लिए निर्दयी बना रहा. उसने उनके नाम तक नहीं बताए. अब आस्ट्रेलियाई अखबार की रिपोर्ट ने उसकी कलई खोल दी है.