रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को डेढ़ महीना होने वाला है, हर बदलते दिन के साथ ये जंग भयानक होती जा रही है, बूचा में जो हुआ उसने तो इस जंग और रूसी सैनिकों की बर्बरता को दुनिया के सामने ला दिया।। जंग के शुरुआत से ही जिस की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन। रूसी सेना पर बूचा शहर में 410 आम नागरिकों की हत्या करने का आरोप है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब रूसी सैनिकों ने पुतिन के राज में किसी शहर में ऐसी तबाही मचाई हो. इससे पहले भी चेचन्या में विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध के दौरान ग्रोजनी शहर और सीरिया के अलेप्पो शहर में नरसंहार के ऐसे ही मिलते जुलते खौफनाक मंजर देखने को मिले थे.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि इससे पहले पुतिन किन शहरों में ऐसी तबाही मचा चुके हैं? और आम लोगों को मारने के पीछे पुतिन की क्या रणनीति है? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
ये पहली बार नहीं है जब रूसी राष्ट्रपति ने ऐसी रणनीति अपनायी हो इसके पहले भी ऐसा कर चुके हैं..
ऐसा माना जाता है कि पुतिन की रणनीति का हिस्सा है कि वो युद्ध के दौरान नागरिकों की अंधाधुंध हत्या और इन्फ्रास्ट्रक्चर का विनाश करने से भी नहीं कतराते हैं.जिसके सबूत पुतिन के पिछले दो अभियानों में भी देखने को मिले हैं. पहला 1999 में चेचन्या के ग्रोजनी शहर में मुस्लिम रिबेल्स के खिलाफ और 2016 में सीरिया के अलेप्पो शहर में रूसी बमबारी ने पूरे शहर को बर्बाद कर दिया था..
2003 में संयुक्त राष्ट्र ने मुस्लिम बहुल चेचन्या के ग्रोजनी शहर को धरती का सबसे तबाह शहर बताया था. इसका कारण 1999 में वहां पर रूस की ओर से की गई भयंकर बमबारी थी और इस बमबारी के पीछे भी पुतिन ही थे.सितंबर 1999 में रूस के मॉस्को, ब्यूनास्क और वोल्गोडोंस्क में 4 अपार्टमेंट ब्लॉकों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोटों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इसी के बाद 1999 में सेकेंड चेचन्या वॉर शुरू हुआ था.बमबारी का असर ये हुआ कि चेचन्या फिर से रूस के पाले में आ गया। 2003 में यहां रूस की कठपुतली कहे जाने वाले अखमद कदिरौफ को राष्ट्रपति बनाया गया। वर्तमान में चेचन्या पर अखमद कदिरौफ के बेटे रमजान कदिरौफ का शासन है
बता दें कि 1999 में रूस को चेचन विद्रोहियों के खिलाफ शुरुआती अभियान में सफलता नहीं मिली तो पुतिन ने हजारों रूसी सैनिकों को चेचन्या की राजधानी ग्रोजनी में उतार दिया। रूसी सेना ने कुछ ही हफ्तों में विमानों और तोपों से भयंकर बमबारी कर कंक्रीट और स्टील के शहर ग्रोजनी को मलबे में तब्दील कर दिया। रूसी सेना के ग्रोजनी शहर पर हमले में हजारों आम लोग मारे गए..
इसके बाद रूसी एयरफोर्स ने 2016 में सीरियाई शहर अलेप्पो पर विद्रोहियों के बहाने इतनी बेरहमी से बमबारी की थी कि इससे अस्पताल भी नहीं बचे थे. रूस ने अलेप्पो के अल-सखौर अस्पताल पर कम से कम चार बार बमबारी की.. ।इससे अलेप्पो शहर बर्बाद हो गया. इसके बाद यहां से हजारों लोग पलायन कर गए.. इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी विरोध भी हुआ. इस दौरान भी रूस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि ये तस्वीरें झूठी हैं.
फिलहाल इससे साफ़ तौर पर जाहिर है कि पुतिन बूचा ही नहीं बल्कि दुनिया के कई और शहरों को भी तबाह कर चुके हैं.वहीं बूचा में जो हुआ वो वाकई बेहद निंदनीय है जिसका हर ओर विरोध हो रहा है..