पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है. उनकी सरकार के खिलाफ खूब विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट इमरान खान के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लेकर आया है. शुक्रवार को नेशनल असेंबली की बैठक होगी और तभी प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. इस बीच खबर आ रही है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व में सैन्य अधिकारियों ने कथित तौर पर ओआईसी यानि Organisation of Islamic Cooperation की बैठक के बाद इमरान खान से इस्तीफा देने को कहा है. OIC की ये मीटिंग 22 और 23 मार्च को पाकिस्तान में हो रही है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस मामले की पूरी जानकरी देंगे.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों ने एक बैठक की थी. इस बैठक में इमरान खान को किसी भी तरह की रियायत नहीं देने पर फैसला लिया गया है. ऐसी भी खबरें हैं कि खुद को इस संकट से बचाने के लिए इमरान खान देश में इमरजेंसी लागू कर सकते हैं. दूसरी तरफ जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया है कि इमरान खान के पास आपातकाल या राज्यपाल शासन लगाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने ‘बहुमत का समर्थन खो दिया है.’
विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेम्बली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था. इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है. विपक्षी पार्टियों ने भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने में असमर्थता को लेकर इमरान खान सरकार को कटघरे में खड़ा किया. कुछ दिन पहले आई ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी की 2021 की रिपोर्ट में 16 स्थान गिरकर 140 स्थान पर आ गया.
सूत्रों का कहना है कि अगर इमरान खान को प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ती है, तो उस स्थिति में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी को अगले पीएम के तौर पर देखा जा सकता है. वहीं इमरान खान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया. इमरान ने चेतावनी दी है कि सत्ता से बेदखल होने पर वह और अधिक खतरनाक होंगे.
क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान को हटाने के लिए विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत है. इमरान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है. उनकी पार्टी बहुमत के लिए कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन ले रही है. देखना होगा इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब होते हैं या नहीं.