पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खस्ता होती जा रही है. क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार संकट में है. ऐसे में पाकिस्तान को इस स्थिति से निपटने के लिए मजबूरी में ही सही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( International Monetary Fund) के साथ एक ऋण समझौते (Loan Agreement ) पर सहमत होना पड़ा है. वहीं इस लोन समझौते के तहत चीन उसे 2.3 अरब डॉलर का कर्ज देगा। बता दें कि पाकिस्तान का फॉरेन रिजर्व तेजी से घट रहा है ऐसे में उसे इस लोन से राहत की उम्मीद है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको पाकिस्तान लोन एग्रीमेंट जुड़ी जरूरी जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे कि आखिर चीन के साथ पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य क्या है बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
बता दें कि पाकिस्तान के अखबार डॉन (Dawn) की एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेष तौर पर चीन के बैकों के संघ और पाकिस्तान ने 2.3 बिलियन डॉलर के Loan Facility Agreement पर पहले ही साइन हो गए थे. इस समझौते की लेटेस्ट जानकारी बुधवार 22 जून को पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ( Miftah Ismail ) के हवाले से आई है. उन्होंने कहा कि इस लोन एग्रीमेंट (Loan Agreement ) के तहत नकदी (Cash) के कुछ ही दिनों में पाकिस्तान पहुंचने की उम्मीद है.
बता दें कि इस लोन समझौते को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टे (Bilawal Bhutto Zardari ) ने भी सोशल मीडिया पर लिखा "राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( Xi Jinping), विदेश मंत्री वांग यी ( Wang Yi ) और चीन के लोगों का मैं आभारी हूं. बैंकों के चीनी संघ ने आज आरएमबी 15 अरब ऋण सुविधा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, हमारे अच्छे-बुरे हर वक्त में लगातार समर्थन और साथ के लिए पाकिस्तान के लोग आभारी हैं."
आखिर में चीन के साथ पाकिस्तान के आर्थिक भविष्य की बात करें तो इसमें कई तरह की राय हैं..
पाकिस्तान के अखबार डॉन (Dawn) के मुताबिक पाकिस्तान एक गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है और इस मामले में ये नई बात अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पाकिस्तान के एक समझौते पर पहुंचने की रिपोर्ट के सामने आने के बाद हुई है.चीन और पाकिस्तान के बीच यह कर्ज समझौता उन खबरों के बीच भी आया है कि पाकिस्तान आंख मूंदकर श्रीलंका के उस रास्ते पर चल रहा है जिससे देश चीनी कर्ज के जाल में फंस जाएगा. इतालवी प्रकाशन Osservatorio Globalizzazione ने लिखा है कि पाकिस्तान की पहले से ही नाजुक और हिचकोले खा रही अर्थव्यवस्था को एक और झटका तब लगा, जब हाल ही में चीन ने लाहौर ऑरेंज लाइन प्रोजेक्ट (Lahore Orange Line Project) के लिए नवंबर 2023 तक 55.6 मिलियन अमरीकी डॉलर वापसी की मांग की. इस बीच, मार्च के अंत में, विदेशी ऋण के पुनर्भुगतान की वजह से स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.915 बिलियन अमरीकी डॉलर की भारी गिरावट दर्ज की गई. कुल मिलाकर हालातों पर नजर दौड़ाई जाए तो जहां तक चीन और पाकिस्तान के संबंधों पर बात की जाए तो चीन के साथ पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य अंधकारमय है.