कोरोना अभी गया भी नहीं है कि मंकीपॉक्स वायरस के नए केस मिलने से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी दो और केस मिले हैं. दरअसल यूरोप के कुछ हिस्सों में इस खतरनाक बीमारी का फैलाव हो रहा है. बता दें कि मंकीपॉक्स एक वायरस है जो अक्सर डीआर कांगो, नाइजीरिया और मध्य और पश्चिम अफ्रीका के अन्य हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाता है. दूसरे लक्षणों के अलावा इस बीमारी की वजह से शरीर पर घाव हो जाते हैं, जो 2 से 4 हफ्तों तक रह सकता है.मंकीपॉक्स को आमतौर पर जानलेवा बीमारी नहीं माना जाता है. लेकिन इस बात का अनुमान लगाया गया है कि मंकीपॉक्स की वजह से 10 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको मंकीपॉक्स वायरस से जुडी हर जरूरी जानकारी देंगे बताएंगे कि इसके लक्षण क्या है और आखिर ये इतना क्यों खतरनाक है? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
[10:54 am, 19/05/2022] Pragati Dwivedi: ये मंकीपॉक्स वायरस से फैलता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये चेचक के वायरस की फैमली से ही जुड़ा है. हालांकि ये बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है और विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की संभावना कम रहती है.
ये ज्यादातर उष्णकटिबंधीय वर्षावनों (Tropical Rainforests) के पास, मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के दूरदराज के हिस्सों में पाया जाता है. वायरस के दो मुख्य प्रकार हैं - पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी.
बता दें कि पुर्तगाल में कुल मिलाकर पांच कंफर्म केस और 20 संदिग्ध केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि स्पेन में आठ संदिग्ध केस और ब्रिटेन में सात संदिग्ध केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि वह ब्रिटेन के साथ Coordination करके इस बीमारी के प्रकोप की जांच कर रहा है. वायरस की इंक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर 6-13 दिनों की होती है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, बेचैनी, थकावट और शरीर पर दाने होना शामिल हैं. वहीं एक बार जब बुखार टूट जाता है तो शरीर पर एक दाने विकसित हो सकते हैं. ये दाने अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं, फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं, आमतौर पर हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में.
इन दानों से से खुजली हो सकती है. बाद में ये पपड़ी बनकर गिर जाती है. घाव निशान बन सकते हैं. संक्रमण आमतौर पर अपने आप खत्म हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है.
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकता है. ये वायरस त्वचा, रेसिपेटरी ट्रैक या आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है.
बता दें कि ये संक्रमित जानवरों जैसे बंदरों, चूहों और गिलहरियों, या वायरस से दूषित वस्तुओं, जैसे बिस्तर और कपड़ों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है.
वायरस के अधिकांश मामले हल्के होते हैं, कभी-कभी चेचक के समान होते हैं. कुछ ही हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं.
हालांकि मंकीपॉक्स कभी-कभी अधिक गंभीर हो सकता है और पश्चिम अफ्रीका में मौतों का कारण बताया गया.
[10:55 am, 19/05/2022] Pragati Dwivedi: वहीं मंकीपॉक्स के मामले सितम्बर 2017 से 30 अप्रैल 2022 तक, इस पश्चिम अफ़्रीकी देश में 558 सन्दिग्ध मामले दर्ज किये जा चुके हैं। इस आँकड़े में 241 पुष्ट हुए मामले भी शामिल हैं, और इस बीमारी से आठ लोगों की मौत अबतक हो चुकी है।
[10:59 am, 19/05/2022] Pragati Dwivedi: कोरोना अभी गया भी नहीं है कि मंकीपॉक्स वायरस के नए केस मिलने से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी दो और केस मिले हैं. दरअसल यूरोप के कुछ हिस्सों में इस खतरनाक बीमारी का फैलाव हो रहा है. बता दें कि मंकीपॉक्स एक वायरस है जो अक्सर डीआर कांगो, नाइजीरिया और मध्य और पश्चिम अफ्रीका के अन्य हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाता है. इस बीमारी की वजह से शरीर पर घाव हो जाते हैं, जो 2 से 4 हफ्तों तक रह सकता है.मंकीपॉक्स को आमतौर पर जानलेवा बीमारी नहीं माना जाता है. लेकिन इस बात का अनुमान लगाया गया है कि मंकीपॉक्स की वजह से 10 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको मंकीपॉक्स वायरस से जुडी हर जरूरी जानकारी देंगे बताएंगे कि इसके लक्षण क्या है और आखिर ये इतना क्यों खतरनाक है? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
ये मंकीपॉक्स वायरस से फैलता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये चेचक के वायरस की फैमली से ही जुड़ा है. हालांकि ये बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है और विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की संभावना कम रहती है.
ये ज्यादातर उष्णकटिबंधीय वर्षावनों (Tropical Rainforests) के पास, मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के दूरदराज के हिस्सों में पाया जाता है. वायरस के दो मुख्य प्रकार हैं - पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी.
बता दें कि पुर्तगाल में कुल मिलाकर पांच कंफर्म केस और 20 संदिग्ध केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि स्पेन में आठ संदिग्ध केस और ब्रिटेन में सात संदिग्ध केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि वह ब्रिटेन के साथ Coordination करके इस बीमारी के प्रकोप की जांच कर रहा है. वायरस की इंक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर 6-13 दिनों की होती है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, बेचैनी, थकावट और शरीर पर दाने होना शामिल हैं. वहीं एक बार जब बुखार टूट जाता है तो शरीर पर दाने विकसित हो सकते हैं. ये दाने अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं, फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं, आमतौर पर हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में.
इन दानों से से खुजली हो सकती है. बाद में ये पपड़ी बनकर गिर जाती है. घाव के निशान बन सकते हैं. संक्रमण आमतौर पर अपने आप खत्म हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है.
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकता है. ये वायरस त्वचा, रेसिपेटरी ट्रैक या आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है.
बता दें कि ये संक्रमित जानवरों जैसे बंदरों, चूहों और गिलहरियों, या वायरस से दूषित वस्तुओं, जैसे बिस्तर और कपड़ों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है.
वायरस के अधिकांश मामले हल्के होते हैं, कभी-कभी चेचक के समान होते हैं. कुछ ही हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं.
हालांकि मंकीपॉक्स कभी-कभी अधिक गंभीर हो सकता है और पश्चिम अफ्रीका में मौतों का कारण बताया गया.
वहीं मंकीपॉक्स के मामले सितम्बर 2017 से 30 अप्रैल 2022 तक, इस पश्चिम अफ़्रीकी देश में 558 सन्दिग्ध मामले दर्ज किये जा चुके हैं। इस आँकड़े में 241 पुष्ट हुए मामले भी शामिल हैं, और इस बीमारी से आठ लोगों की मौत अबतक हो चुकी है।