सस्पेंस मतलब दुविधा, अनिश्चय, असमंजस, चिंता और देर.. सस्पेंस का फिल्मों में तो यही मतलब होता है..लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले कुछ वक़्त से जो कर रहे हैं वो किसी सस्पेंस फिल्म से कम नहीं.तो गलत नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि महीनों तक पुतिन ने दुनिया को अनुमान लगाने दिया कि वो यूक्रेन पर हमला करेंगे या नहीं? शीत युद्ध के बाद यूरोप में जो सुरक्षा व्यवस्था बनी थी, उसे नष्ट करने की योजना बना रहे हैं या नहीं? और आखिरकार इन्होंने हमला कर ही दिया।। वैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन की रूस की सत्ता के शिखर पर पहुंचने की कहानी भी पूरी फिल्मी है.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि KGB एजेंट से कैसे लाइफटाइम प्रेसिंडेट बने पुतिन साथ ही बताएंगे कि रूस के सबसे सफल राजनेता पुतिन किन चीज़ों का शौक रखते हैं? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ...
पुतिन का जन्म 7 अक्टूब रसाल 1952 में लेनिनग्राद जो अब सेंट पीटर्सबर्ग है वहां हुआ. पुतिन के पिता सोवियत नेवी का हिस्सा थे और मां एक फैक्ट्री वर्कर थीं. उनका जीवन गरीबी और आभाव में बीता. पुतिन विद्रोही स्वभाव के थे.. उनके पिता चाहते थे कि वो बॉक्सिंग सीखें, लेकिन उन्होंने जूडो सीखा. पुतिन खुद कहते हैं कि मार्शल आर्ट ने उनकी जिंदगी बदल दी. पुतिन जब स्कूल में थे तभी उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी का स्कूल लीडर चुना गया. उनका सपना था कि वो सोवियत सीक्रेट एजेंट बने. उनका ये सपना तो पूरा नहीं हुआ, लेकिन साल 1975 में उन्होंने रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी ज्वाइन की. जहां वो एक सामान्य जासूस माने जाते थे.
1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया. उस वक्त के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव पर कई सारे आरोप लगे. रूस में निराशा फैली थी और इसी को भांपते हुए एक सीक्रेट सर्विस का एजेंट से पुतिन राजनीतिज्ञ पुतिन बन गए. वो पहली बार 1996 में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन में बतौर डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ शामिल हुए थे. इसके एक साल बाद उन्हें रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी का अध्यक्ष बना दिया गया. उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि येल्तसिन के अप्रत्याशित रूप से इस्तीफा दे देने के कारण 31 दिसम्बर 1999 को पुतिन को रूस का कार्यवाहक राष्ट्रपति नामित कर दिया गया था. इसके बाद पुतिन ने राजनीति के क्षेत्र में कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने साल 2000 और 2004 में रूस के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतकर अपने सभी विरोधियों को पस्त कर दिया था.व्लादिमीर पुतिन के शौक की बात करें तो तैराकी, मछली पकड़ने, जिम, एडवेंचर, शिकार का खूब शौक है. समय-समय वो इन एक्टिविटी से दुनिया को चौंका देते हैं.
पुतिन की ताकत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले करीब बीस साल से व्लादिमीर पुतिन रूस की सत्ता पर विराजमान हैं. जब वो राष्ट्रपति होते हैं, तो राष्ट्रपति के पास सभी अधिकार होते हैं और जब प्रधानमंत्री बनते हैं तो प्रधानमंत्री के पास ही अधिकार होते हैं. बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक नए कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसके बाद उनके 2036 तक रूस की सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो गया है. बतौर राष्ट्रपति पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है, लेकिन कानून पर हस्ताक्षर करने के बाद उनके पास 6-6 साल के दो कार्यकाल और होंगे. इसलिए अब उनके 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया है..
तो ये थी केजीबी के जासूस और फौलादी इरादे वाले पुतिन के लाइफटाइम प्रेसिंडेट बनने की पूरी कहानी