यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दुनिया के कई देश आलोचना कर रहे हैं. दुनियाभर के कई हिस्सों में लोग पुतिन के खिलाफ आक्रामक प्रतिक्रिया दे रहे हैं. यूक्रेन की ओर से एक व्यवसायी ने व्लादिमीर पुतिन की हत्या पर इनाम तक घोषित कर दिया है. हालांकि पुतिन तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं है क्योंकि उनका सिक्योरिटी सिस्टम अपने आपमें बिल्कुल अलग है. तो आज के नो दिस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर पुतिन का सिक्योरिटी प्रोटोकॉल है क्या, साथ ही बताएंगे कि उनकी सेफ्टी के लिए किस तरह की टेकनीक्स का यूज़ किया जाता है? बस आप वीडियो एक आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
बुलेटप्रूफ ब्रीफकेस और हाई पॉवर पिस्टल के साथ बॉडीगार्ड, खाना चखने वाले लोग, ये कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर खुद को दुश्मनों बचाते हैं. पुतिन की ख़ास बात ये है कि इनके बारे में लोग उतना ही जानते हैं, जितना वो बताना चाहते हैं. वो एक पूर्व KGB एजेंट हैं और अपनी सुरक्षा-सेहत को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. उनकी सिक्योरिटी हमेशा सख्त रहती है. कोरोना से बचने के लिए उन्होंने एडवाइजर तक से 20 फीट दूरी बना ली थी.
पुतिन के बॉडीगार्ड खुद को उनके "मस्किटियर्स" कहते हैं.. इनमें रूस की फेडरल सिक्योरिटी फोर्स (FPS) या FSO के लोग शामिल होते हैं.. इनके पास बिना किसी वारंट के तलाशी और निगरानी, गिरफ्तारी और अन्य सरकारी एजेंसियों को आदेश जारी करने का अधिकार है.
पुतिन के सुरक्षा सिस्टम में कई लेयर्स हैं, जिन्हें पार करके ही उन तक पहुंचा जा सकता. पुतिन की सुरक्षा के लिए उनके बॉडीगार्ड्स की चील जैसी नज़र और आस-पास घूमते सुरक्षा अधिकारियों की निगाह से बचना आसान नहीं है. पकड़े जाने पर एक मिनट में 40 राउंड फायर करने वाली मशीन गन उसके चीथड़े उड़ा देंगी.पुतिन जब सड़क पर चलते हैं तो एक हथियारों से लैस कानवाय यानी काफिला उनके साथ चलता है.. इनमें एके -47, टैंक-रोधी ग्रेनेड लॉन्चर और पोर्टेबल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें शामिल हैं. जब पुतिन भीड़ में होते हैं तो सुरक्षा के चार घेरे में होते हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ एक सेक्शन उनके बॉर्डीगार्ड ही दिखाई देते हैं..
इसके अलावा पुतिन की सुरक्षा टीम किसी भी ऑपरेशन के दौरान मानसिक रूप से तैयार रहती है. इसके अलावा, टीम के पास शारीरिक सहनशक्ति, ठंड का सामना की क्षमता और गर्मी में पसीना नहीं आने जैसे गुण होते हैं. ये टीम एक विशेष ब्रीफकेस के साथ तैनात होती है. ब्रीफकेस पुतिन की रक्षा के लिए ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. टीम के सभी सदस्यों को 35 साल का होने पर रिटायर कर दिया जाता है.रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी पुतिन के खाने को टेस्ट करता है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि उन्हें जहर ना दिया जा रहा हो.
इतना ही नहीं जब पुतिन विदेश यात्रा पर जाते हैं उससे पहले उनकी टीमें महीनों पहले से उन जगहों पर नजर रखती हैं, जहां उन्हें जाना है. इस दौरान बारीक चीज से लेकर जनता की प्रतिक्रिया कैसी होगी, मौसम कैसा होगा इसकी जांच की जाती है. पुतिन जहां भी रुकते हैं, वहां जैमिंग डिवाइस भी लगाई जाती है..
बता दें कि फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस कई बार राष्ट्रपति के बॉडी डबल का भी इस्तेमाल करती है. साल 2000 में पुतिन ने स्वीकार किया था कि चेचन्या की यात्राओं के दौरान उन्हें बॉडी डबल की पेशकश की गई थी, क्योंकि उस समय रूस अलगाववादियों से जूझ रहा था. पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को भेद पाना लगभग नामुमिकन है.