अफगानिस्तान के मौजूदा हालात कैसे हैं?
जब लोकतंत्र ध्वस्त होता है, तो अवाम की क्या हालत होती है इसे समझने के लिए पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को समझना जरूरी है. अफगानिस्तान में अब तालिबान की हुकूमत है और चंद महीनों के शासन में ही वहां की अवाम के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. भोजन और इलाज के अभाव ने कई मासूमों की जान ले ली है. रिपोर्ट्स की मानें तो गरीबी के मारे लोग पेट भरने के लिए लोग अपने बच्चों को बेचने पर मजबूर हैं.
सवाल ये उठता है कि क्या अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए तालिबान शासन ही पूरी तरह जिम्मेदार है? अब आपको बताते हैं कि अफगानिस्तान में भुखमरी की वजह क्या है?
वैसे तो इस संकट के कई कारण हैं. लेकिन कोरोना महामारी को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है. इसके अलावा अफगानी अर्थव्यवस्था का तीन चौथाई हिस्सा अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर करता है. ऐसे में अफगानिस्तान की मुसीबत इसलिए ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका समेत कई मुल्कों ने अफगानिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है. देश में लोकतंत्र के धराशायी होने के बाद अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी सहायता राशि फ्रीज कर दी है.
इसके अलावा क्लाइमेट चेंज की वजह से देश में पड़ा सूखा और दूसरे देशों के साथ टकराव भी भुखमरी के हालात के बड़े कारण बताए जा रहे हैं. सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि अफगानिस्तान में भुखमरी साल 2014 के बाद से आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों की वजह से भी बढ़ गई है.
आर्थिक तंगी के कारण देश में फूड प्राइस भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं, अफगानिस्तान की करेंसी की कीमत लगातार गिरती जा रही है. देश में खाने पीने का ज्यादातर सामान पाकिस्तान से आयात होता है. लेकिन पिछले कुछ समय से अफगानिस्तान के इंपोर्ट में काफी कमी आई है. जिससे भुखमरी का संकट और विकराल हो गया है.
हालात ऐसे हैं कि विदेशी फंड बंद होने से मजदूरों को बिना पगार काम करना पड़ रहा है. व्यापार बंद हो चुके हैं और परिवारों को अपना गुजारा करने के लिए कीमती चीजों के साथ अपने बच्चों को भी बेचना पड़ रहा है.