यूक्रेन पर जारी रूस के सैन्य हमले के बाद देश में चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है. कहा जा सकता है कि युद्ध की शुरुआत हो गई है. इस हमले ने दुनियाभर के देशों को चिंता में डाल दिया है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि यूक्रेन किस तरह रूस का मुकाबला करेगा. आज नो दिस के इस वीडियो में हम जानने की कोशिश करेंगे कि युद्ध की स्थिति में किसका पलड़ा भारी रहेगा. जानेंगे कि नाटो, यूक्रेन और रूस के सैनिकों की संख्या कितनी है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
रूस ने पिछले कई महीनों से यूक्रेन की सीमा पर लगभग दो लाख सैन्यकर्मियों को तैनात कर रखा था जो अब यूक्रेन में दाखिल हो रहे हैं. रूसी सेना के इस जमावड़े में टैंक और गोला-बारुद है... साथ ही उन्हें वायुसेना और नौसेना का भी सहयोग मिल रहा है. ग्लोबलफायर पावर डॉट कॉम के मुताबिक पावर इंडेक्स की लिस्ट में रूस दुनिया के 140 देशों की सूची में दूसरे स्थान पर आता है जबकि, यूक्रेन 22वे नबंर पर है. रूस आबादी के मामले में 9वें और यूक्रेन 34वें स्थान पर है. रूस के पास 14.23 करोड़ की आबादी है तो यूक्रेन के पास 4.37 करोड़ की.
रूस के पास सक्रिय सैनिक लगभग 8.50 लाख हैं. यूक्रेन के पास एक्टिव पर्सनल की संख्या 2 लाख ही हैं. हालांकि दोनों ही देशों के पास रिजर्व सैन्य बल बराबर है. दोनों के पास रिजर्व सैन्य बल की संख्या 2.50 लाख है. रूस के पास कुल फाइटर जेट 772 हैं जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 69 फाइटर जेट्स हैं. वहीं टैंकों के मामले में रूस दुनिया का नंबर वन देश हैं. रूस के पास 12,420 टैंक्स हैं, जबकि यूक्रेन टैंक्स के मामले में दुनिया में 13वें नंबर पर आता है... उसके पास 2596 टैंक्स हैं. साफ है कि यूक्रेन के लिए भारी मुसीबत खड़ी हो सकती है.
रूस की तुलना में यूक्रेन की सेना बहुत छोटी है मगर उसे नाटो की मदद मिल रही है. अमेरिका ने यूक्रेन में कोई सेना नहीं भेजी है लेकिन उसके पास पोलैंड और रोमानिया में नाटो की सेना का हाथ मजबूत करने के लिए 3,000 अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं और 8,500 अन्य सैनिकों को अलर्ट पर रखा है.
अमेरिका के पास एक लड़ाकू फोर्स है जो रूस की तुलना में मामूली रूप से बड़ी है. नाटो सदस्यों के पास लगभग 13,46,400 कर्मियों की सेना है. उनमें से मोटे तौर पर 1,65,000 सैनिक तैनात हैं, जबकि 7,99,500 रिजर्व सैनिक हैं. नाटो 30 देशों का एक ग्रुप है. लेकिन जो सैनिक सक्रिय हैं, वही युद्ध की स्थिति में सबसे पहले उतारे जाएंगे. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि दिमाग से जीता जाता है. देखना होगा कि इस ऑनगोइंग में वॉर में कौन किस पर भारी पड़ता है.