रूस और यूक्रेन के बीच हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि सुलह की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही है. रूस ने यूक्रेन के कई छोटे शहरों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया है. राजधानी कीव पर भी कब्जे का खतरा बढ़ गया है. यूक्रेन को अब तक इस लड़ाई में काफी नुकसान हो चुका है. रूस ने यूक्रेन में जो तबाही मचाई है उसमें दुनिया का सबसे बड़ा विमान भी शामिल है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि रूस की सेना ने दुनिया के सबसे बड़े विमान Antonov AN-225 Mriya को नष्ट कर दिया है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस विमान के बारे में पूरी जानकारी देंगे. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
290 फीट पंखों की चौड़ाई वाले दुनिया के इस सबसे बड़े विमान को 1980 में कीव की एंटोनोव डिजाइन ब्यूरो कंपनी ने ट्रांसपोर्टेशन के मकसद से तैयार किया था. कुछ समय तक आर्मी ने इसका इस्तेमाल किया फिर बाद में दूसरे देशों को सामान भेजने के लिए भी इसे यूज किया गया. Antonov AN-225 की खासियत की बात करें तो यह विमान 640 टन तक का भार उठा सकता है. इसने पहली बार उड़ान 1988 में भरी थी. दुनिया के इस सबसे बड़े विमान का इस्तेमाल पड़ोसी देशों में आपदा के समय खाद्य सामग्री बांटने में किया जा चुका है. कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में इसका इस्तेमल वायरस से प्रभावित कई देशों तक दवाओं और मेडिकल इक्विपमेंट पहुंचाने में किया गया था.
AN-225 यूक्रेन की ताकत का प्रतीक है. दरअसल हमले के बीच रूस ने यूक्रेन के हॉस्टोमेल एयरफील्ड पर अपना कब्जा कर लिया. यहीं पर दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो जहाज Antonov AN-225 पार्क था. रूसी सैनिक यहां घुसे तो उन्होंने विमान को काफी नुकसान पहुंचाया और नष्ट कर दिया. इस विमान की तबाही के बाद उस जगह की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की गईं हैं, जहां यह विमान खड़ा था. विमान को खोने और देश में तबाही के बाद यूक्रेन के लोगों का कहना है कि हम हारेंगे नहीं और फिर से नया देश बनाएंगे. यूक्रेन ने कहा कि वह इस ऐतिहासिक विमान को फिर से बनाएगा. AN-225 के नाम पर 2,53,920 किलो पेलोड ले जाने का वर्ल्ड रेकॉर्ड है.
इस प्लेन को यूक्रेनी भाषा में Mriya नाम दिया गया है जिसका मतलब होता है 'सपना'. दुनियाभर के एयरशोज में इसे देखने के लिए काफी भीड़ जुटती है. बता दें दुनिया में केवल एक ही AN-225 विमान है. यूक्रेन की कंपनी Ukroboronprom ने घोषणा कि विमान को रूस के खर्च पर रीस्टोर किया जाएगा. कहा जा रहा है कि इसमें पांच साल तक का वक्त लग सकता है और करीब 3 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा. देखना होगा कि इस जंग के चलते यूक्रेन को और कितना नुकसान झेलना पड़ेगा.