नाटो गठबंधन में शामिल होने की जिद्द में यूक्रेन रूस के हाथों तबाह हो चुका है। यूक्रेन के कई इलाकों में लगातार रूसी फौज के हमले जारी है। इस बीच एक और यूरोपीय देश फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद यूक्रेन के बाद अब फिनलैंड भी पुतिन के टारगेट पर आ गया है। ऐलान के कुछ ही देर बाद गुस्से से आगबबूला रूस ने चेतावनी दे दी है। क्रेमलिन ने बयान जारी कर इसे रूस के लिए सीधा खतरा बताते हुए जवाब में कार्रवाई की भी धमकी दे दी है। रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेश्कोव ने कहा कि अगर फिनलैंड नाटो में शामिल होता है तो उसे अंजाम भुगतना होगा। फिनलैंड के कदम से यूरोप में स्थिरता और सुरक्षा में मदद नहीं मिलेगी। पेसकोव ने कहा कि रूस की प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि नाटो रूसी सीमाओं के पास अपने बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए क्या स्पेशल स्टेप उठाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले ही रूसी सीमाओं के पास नाटो के विस्तार के जवाब में पश्चिमी हिस्से में देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया है। रूस की फिनलैंड के साथ 1340 किमी सीमा लगती है। इस बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के कदम का स्वागत किया है।
फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने को लेकर रूस पहले भी चेतावनी दे चुका है। अगर सैन्य ताकत की बात की जाए तो रूस तो दूर फिनलैंड यूरोप के भी कई छोटे-छोटे देशों के मुकाबले काफी कमजोर है। ऐसे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फिनलैंड पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए उसकी सीमा पर भारी हथियारों की तैनाती कर सकते हैं। हालांकि, रूस अभी फिनलैंड को नाटो की पूर्ण सदस्यता मिलने का इंतजार करेगा। अगर रूस को लगता है कि फिनलैंड में नाटो अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है तो जवाबी कार्रवाई होना तय है। रूसी सेना फिनलैंड के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई भी शुरू कर सकता है। ऐसे में शांत और न्यूट्रल रहने वाला फिनलैंड भारी मुश्किल में पड़ सकता है।
फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनने से रूस को उत्तर की तरफ से भी खतरे के साथ आर्थिक राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग भी असुरक्षित हो सकता है। फिनलैंड बाल्टिक सागर के किनारे बसा देश है। ऐसे में अगर नाटो चाहे तो एस्टोनिया और फिनलैंड के बीच नाकेबंदी कर रूस को घेर सकता है। एस्टोनिया पहले से ही नाटो का सदस्य है। ऐसे में पूरे बाल्टिक सागर में रूस की आवाजाही इफेक्ट होने के साथ ही उसका समुद्री व्यापार भी ठप पड़ सकता है। यही कारण है कि रूस नहीं चाहता है कि नाटो उसकी उत्तरी सीमा के करीब पहुंचे। वहीं फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने ऐलान किया है कि उनका देश उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन देने का सपोर्ट करता है। देश के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो और प्रधानमंत्री सना मरीन की इस घोषणा का मतलब है कि फिनलैंड ने नाटो की सदस्यता लेने का अब पूरी तरह मन बना लिया है। लेकिन, आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से पहले कुछ कार्रवाई अभी बाकी हैं।