रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. रूस लगातार यूक्रेन के रिहायशी इलाकों को हमलों की चपेट में ले रहा है. तोपों से किए जा रहे हमलों और हवाई बमबारी के कारण यूक्रेनी शहर मलबे में तब्दील हो रहे हैं. यूक्रेन के शहरों में सबसे पहले कीव, फिर खारकीव और मारियुपोल शहर का नाम चर्चा में आया. अब कुछ दिनों से यूक्रेन के शहर ल्वीव की चर्चा हो रही है. खबर है कि ल्वीव में रूसी सेना ने कई मिसाइल अटैक किए हैं और तेल भंडारों को भी निशाना बनाया जा रहा है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि जंग में ल्वीव शहर का क्या महत्व है और अभी ल्वीव की क्या स्थिति है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
खबर है कि रूस ने शनिवार और रविवार को ल्वीव में कई रॉकेट दागे हैं. इन हमलों के बाद वहां की हालत काफी खराब हो रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे शहर में घनी धुंध छा गई है. ल्वीव को यूक्रेन की पश्चिमी राजधानी भी कहा जाता है और यह पूर्वी यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. गवर्नर मैक्सिम कोजित्स्की ने हाल ही में बताया था कि दो रॉकेट ईंधन डिपो से टकराए, जिसमें पांच लोग घायल हो गए. जबकि बाकी दो रॉकेट एक सैन्य कारखाने से टकराए. रूस ने ल्वीव में लॉन्ग रेज मिसाइल के साथ क्रूज मिसाइल से भी अटैक किया है.
इस शहर की चर्चा इस वजह से भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि यह पोलैंड सीमा से महज 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. पौलेंड नाटो मेंबर है और इसके करीब भयानक हमला होना कई कयासों को जन्म दे रहा है. ये पौलेंड के पास है और पौलेंड में अभी यूक्रेन से निकले लाखों लोग शरण ले रहे हैं. बता दें हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पोलैंड गए थे. उस दौरान कुछ ही किलोमीटर पर ल्वीव में रूस बम बरसा रहा था जिसके बाद इस शहर की चर्चा ज्यादा होने लगी.
रूस ने दावा किया था कि वो देश के पूर्व में हमलों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, लेकिन ल्वीव पर हमले से साफ होता है कि मॉस्को यूक्रेन में किसी भी जगह हमला कर सकता है. रूस के एक के बाद एक हवाई हमलों ने शहर को हिलाकर रख दिया है. लगातार हवाई हमलों ने शहर को दहला दिया है. यूक्रेन की पश्चिमी सीमा की ओर बढ़ते रूसी हमले नाटो और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों के लिए चिंताजनक हैं.
बता दें दोनों देशों के बीच पिछले 34 दिनों से जंग जारी है. यूक्रेन पर जारी रूस के हमले में मारे गए लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस जंग में न तो रूसी सेना पीछे हटने को तैयार है और न ही यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की हार मामने को राजी है. ऐसे में यह युद्ध कितना लंबा खिंच सकता है, यह कहना मुश्किल है.