यूक्रेन से चल रही जंग के बीच पुतिन की आर्मी ने कुछ ऐसा किया जिसके वजह से पूरी दुनिया सकते में है। जंग जीतने की जब सारी कोशिश नाकाम हो रही हैं, ऐसे में पुतिन बौखलाए हुए हैं। ऊपर से नाटो देश और अमेरिका यूक्रेन की लगातार मदद कर रहे हैं, जिससे ये जंग लंबी खिंचती हुई दिखाई दे रही है। अब ऐसे में अगर पुतिन ब्रिगेड यूक्रेन पर कब्जा नहीं कर पा रही तो उसे पूरी तरह बर्बाद करने के मूड में दिखाई दे रही है, तभी तो पुतिन आर्मी ने एक बार फिर समंदर के भीतर न्यूक्लियर अटैक की रिहर्सल को अंजाम दिया।
क्या ये रिहर्सल तीसरे विश्व युद्ध छिड़ने की आहट है? आखिर क्यों इसे दुनिया के लिए बड़े खतरे का संकेत माना जा रहा है? क्या दुनिया का नक्शा बदलना पर आमदा हैं व्लादिमीर पुतिन? KNOW THIS में इन सारे सवालों का जवाब सरल शब्दों में समझाएंगे।
रूस ने एक बार फिर समंदर के अंदर एटमी अटैक की वॉर ड्रिल की। न्यूक्लियर वॉर हेड यानि परमाणु हथियार ले जाने वाला मिसाइल सिस्टम तैयार था, जवान थे और कमांडिंग अफसर भी मुस्तैद थे।अचानक से सिग्नल हुआ और रिहर्सल शुरू हो गई। इस ड्रिल की जानकारी खुद रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री ने दी है। जानकारी के मुताबिक पुतिन की आर्मी ने इस पूरी एक्सरसाइज को कैलिनिनिग्राद में अंजाम दिया। बता दें ये जगह बाल्टिक सागर के पास है और ये पुतिन की न्यूक्लियर फैक्ट्री के नाम से मशहूर है। रुसी डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक इस्कंदर नाम की शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम के जरिए अटैक की प्रैक्टिस की गई। इस रिहर्सल में 100 सैनिक मौजूद थे, इस दौरान एक साथ कई डमी टारगेट्स को निशाना बनाया गया।
अब आपको बता दें कि इस्कंदर बैलेस्टिक मिसाइल क्या होती है।
दरअसल बैलेस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर वॉरहेड यानि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं। इस्कंदर मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर बताई जा रही है, वहीं ये मिसाइल करीब 60 किलो टन तक का न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है यानि अगर इस मिसाइल से किसी देश पर न्यूक्लियर अटैक किया जाए तो भीषण तबाही मचाई जा सकती है.. कुछ सेकेंड्स में ही सब कुछ भाप में बदल जाएगा।
लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस के सैनिकों ने प्रैक्टिस के दौरान इस खतरनाक मिसाइल का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि सिमुलेशन यानि इलेक्ट्रॉनिक लॉन्च के जरिए इस पूरी ड्रिल को अंजाम दिया गया। आपको ये भी बता दें कैलिनिनग्राद में जिस जगह पर इस्कंदर मिसाइल तैनात है वहां से बाल्टिक नेशंस यानि (लताविया, एस्तोनिया और लिथुआनिया) के साथ पोलैंड, यूक्रेन, मोल्दोवा और साउथ स्वीडन तक मिसाइल की रेंज में आते हैं।
अब बात करें रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तो इस तरह की वॉर ड्रिल के जरिए पुतिन दुनिया को खासकर यूरोप को क्या संदेश देना चाहते हैं क्योंकि आमतौर पर इस तरह की न्यूक्लियर वॉरड्रिल सीक्रेट रखी जाती हैं लेकिन रूस चाहता है कि दुनिया को इस रिहर्सल का पता चले। यहां ये बताना जरूरी है कि प्रैक्टिस के दौरान रूसी सैनिकों ने वो सब कुछ किया जो किसी न्यूक्लियर हमले की सूरत में इस्ट्रंक्शन दिए जाते हैं।
अब बात करें कैलिनिनग्राद की तो आपको बता दें कि ये जगह बाल्टिक सागर में रूस का इलाका है और ये लिथुआनिया और पौलेंड के बीच बसा है। इसे पुतिन की न्यूक्लियर फैक्ट्री कहा जाता है। यहां पर न्यूक्लियर कैपेबल इस्कंदर, सरमत समेत कई कैलिबर मिसाइलें तैनात हैं। कुछ दिन पहले ही रूसी टेलीविजन पर वेस्टर्न कंट्रीज को एटमी हमले की धमकी देने के दौरान पुतिन ने कैलिनिनग्राद का जिक्र करते हुए कहा था, अगर कैलिनिनग्राद से मिसाइल निकली तो फिर ब्रिटेन से लेकर जर्मनी और फ्रांस तक तबाह हो जाएंगे। तीन मिनट के अंदर सब कुछ खत्म हो जाएगा.. लेकिन उस वक्त अमेरिका समेत कई देशों ने रूस की धमकी को सीरियसली नहीं लिया था लेकिन पुतिन को जानने वालों का कहना है कि पुतिन को अगर रोका नहीं गया तो किसी भी वक्त इस भयंकर विनाशलीला की शुरुआत हो सकती है।