रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के शहरों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले करके उन्हें नेस्तानाबूत कर दिया है, और अब रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव को अपने कब्जे में लेने का प्लान तैयार कर चुकी है. रूसी सैनिक राजधानी कीव को तीन तरफ से घेर चुके हैं और आगे बढ़ रहे हैं. रूसी सैनिकों ने कीव पर हमले तेज कर दिए हैं. इस मिशन को 48 घंटे में अंजाम तक पहुंचाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अपनी सेना को खुली छूट दे दी है.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको रूसी सेना के उन प्लांस के बारे में बताएंगे जिसके जरिए रूसी सेना कीव में जल्द-से-जल्द रूसी झंडा फहराना चाहती है.. बस आप वीडियो एक आखिर तक बने रहिए साथ..
रूसी सेना की तरफ से 24 फरवरी को यूक्रेन पर नॉर्थ, ईस्ट और साउथ से हमले करने शुरू किए गए थे. रूसी सेना को भरोसा था कि वो 15 दिनों में जंग खत्म कर देंगे. इसीलिए उसने यूक्रेन पर खार्किव, लुहांस्क, खेरसन, ओडेसा की तरफ से हमला करते हुए आगे बढ़ना शुरू किया. धमाकों की वजह से Lutsk में मौजूद दो बायलर प्लांट बंद हो गए. इन पर भी रूसी मिसाइल गिरी थी. वहीं Dnipro में हुई बमबारी में एक शख्स की मौत हुई थी. बता दें कि पुतिन ने रूसी सैनिकों को राजधानी कीव पर जल्द-से-जल्द कब्जा करने के आदेश दिए हैं.
इधर अब रूस ने नई स्ट्रैटजी अपना ली है और वो कीव पर 3 दिशाओं किरस्तेन, चेर्नोबिल और प्रिलुकी की तरफ से तेजी से हमला कर रहे हैं. अब रूसी सेना कीव सिटी सेंटर से सिर्फ 14 किलोमीटर पीछे रह गई है. इसके साथ ही रूस की सेना घातक बमों से हमले कर रही है. वहीं, यूक्रेनी सेना बचाव में मिसाइल का इस्तेमाल कर रही है.
रूस का जो दूसरा प्लान है वो ये है कि रूस की जंग लड़ रही 60% से ज्यादा रूसी सेना का फोकस कीव पर है, रूस ने रविवार को पश्चिमी यूक्रेन में एक सैन्य प्रशिक्षण अड्डे पर आठ राकेट दागे. रूस ने राजधानी कीव के बाहरी इलाकों में गोलाबारी तेज कर दी है. साथ ही मारियुपोल पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है रूस ने ज्यादातर सेना को कीव को घेरने के लिए डिप्लॉय किया है. मैक्सार टेक्नोलॉजीज सेटेलाइट इमेज में 10 मार्च को भारी संख्या में रूसी सैनिक, ट्रक, टैंकर, फाइटर को कीव के अलग-अलग बॉर्डर पर देखा गया है.
कीव में जल्द-से-जल्द रूसी झंडा फहराने की चाहत में पुतिन ने अपने प्लान में सीरिया लड़ाकों को भी शामिल कर लिया है यानी कि पुतिन ने सीरियाई लड़ाकों की भी मदद लेना शुरू कर दिया है...सीरिया की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को की ओर से सीरियाई लड़ाकों को 200-300 अमेरिकी डॉलर के बराबर तनख्वाह की पेशकश की गई है. उन्हें यूक्रेन जाना होगा और छह महीने के लिए गार्ड के रूप में काम करना होगा. मॉस्को के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि जो काम रूसी सैनिक नहीं कर पा रहे, उसे सीरियाई फ़ौजी कर दिखाएंगे।
बता दें कि सीरियाई लड़ाकों की खासियत है कि वो शहरी क्षेत्र पर कब्जा करने में माहिर हैं. 10 साल से भी ज्यादा समय से सीरिया में चल रहे गृह युद्ध के समय इन लड़ाकों ने लड़ाई लड़ी है. रूस वहां की असद सरकार को समर्थन देती रही है.. यही वजह है कि अब सीरिया की सरकार रूस की मदद के लिए अपने लड़ाकों को भेज रही है..
इस के साथ पुतिन की सेना राजधानी कीव का देश के दूसरे हिस्सों से संपर्क काट रही है. रूसी सेना ये अच्छी तरह से जानती है कि यूक्रेन को यूरोपीय देशों पोलैंड, रोमानिया और मोल्दोवा से सीधे मदद मिल रही है. ऐसे में रूसी सैनिकों ने कीव का संपर्क दूसरे हिस्सों से काटने पर जोर दिया है.. इसका सीधा मतलब है कि कीव का इन हिस्सों से संपर्क कट जाने से सप्लाई चेन प्रभावित होगी, जिससे रूसी सेना कीव को हर तरह से घुटनों के बल आने के लिए मजबूर कर देगी.