अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने विश्वास मत जीत लिया है। पार्टीगेट स्कैंडल में फंसे बोरिस जॉनसन ने 59 फीसदी सांसदों का विश्वास मत जीतकर अपनी कुर्सी बचा ली है। बता दें ये अविश्वास प्रस्ताव उनकी ही पार्टी के विद्रोही सांसदों के द्वारा लाया गया था। बोरिस जॉनसन को पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए 180 वोट की जरूरत थी। लेकिन बोरिस जॉनसन ने वोटिंग के दौरान 211 में से 148 वोट हासिल कर अपनी दावेदारी मजबूती से पेश की। जॉनसन ने इस जीत को 'निर्णायक' बताया है।
तो सबसे पहले बात करते हैं ‘पार्टी गेट स्कैंडल’ की। बोरिस जॉनसन जिन्होंने 2019 के चुनावों में धमाकेदार जीत दर्ज की थी। पार्टीगेट स्कैंडल को लेकर उनकी सरकार काफी समय से दबाव में थी। दरअसल 2020 में जब दुनिया भर में कोविड महामारी के चलते लॉकडाउन था। ऐसे में ब्रिटिश पीएम के आवास, डाउनिंग स्ट्रीट पर 19 जून को जश्न मनाया जा रहा था। बोरिस की बर्थडे पार्टी में 30 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। जबकि उस वक्त किसी भी कार्यक्रम में 2 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की परमिशन नहीं थी। इस पूरे प्रकरण को पार्टीगेट स्कैंडल नाम दिया गया था। बता दें कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर बोरिस जॉनसन और उनकी पत्नी कैरी ने जुर्माना भरने के साथ-साथ माफी भी मांगी थी। लेकिन उनकी पार्टी के 40 से ज्यादा सांसद लगातार इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
अब बात करें कंजरवेटिव पार्टी के इतिहास की तो बता दें इसे यूरोप की सबसे पुरानी पार्टी माना जाता है। पार्टी का जन्म 17वीं शताब्दी के ‘टोरी’ गुट से माना जाता है। टोरी ब्रिटिश राजशाही यानि क्राउन के समर्थक थे, और आज भी कंजर्वेटिव पार्टी राजशाही के प्रति वफादार मानी जाती है। इस पार्टी के कुछ बड़े नामों की बात की जाए तो विंस्टन चर्चिल, मार्गरेट थैचर, डेविड कैमरून का नाम सामने आता है।
अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद से बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी की चर्चा शुरू हो गई थी। मीडिया में चर्चा थी कि अगर बोरिस की कुर्सी गई तो उनके करीबी 4 नेताओं में से कोई एक पीएम बन सकता है। इनमें एलिजाबेथ मैरी ट्रज, जेरेमी हंट, ऋषि सुनक, नदीम जाहवी और पेनी मार्डेंट का नाम सबसे आगे था। खैर इस जीत के बाद अब बोरिस जॉनसन एक साल तक किसी भी तरह के अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं करेंगे। इस जीत से आगामी 23 जून को वेकफील्म में होने वाले उपचुनाव में भी बोरिस जॉनसन की पार्टी को फायदा मिलने की संभावना है।