यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने यूक्रेन में जारी जंग पर अपना पहला स्टेटमेंट जारी किया है. सर्वसम्मति से जारी किए गए इस स्टेटमेंट में "युद्ध", "हमला" या "विवाद" जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. बता दें रूस सिक्योरिटी काउंसिल में परमानेंट मेंबर है, जिसके चलते स्टेटमेंट जारी करने की पहले की कोशिशों को रूस ने वीटो कर दिया था.यूएनएससी ने अपने बयान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के 10-सप्ताह से चले आ रहे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के प्रयासों के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों ने इस संकट के शांतिपूर्ण हल की पैरवी की है. यूक्रेन पर आक्रमण के करीब 2 महीने बाद रूस ने पहली बार नरम रुख अख्तियार करते हुए संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापित करने के पहल का समर्थन किया है. भारत ने भी प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करते हुए यूक्रेन में शांति स्थापित किए जाने की आवश्यकता जताई है.
बता दें कि यूएनएससी द्वारा यूक्रेन संकट पर अपने बयान में शब्दों के चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने युद्ध, संघर्ष या आक्रमण शब्द का जिक्र नहीं किया है और रूस-यूक्रेन संघर्ष को विवाद कहकर संबोधित किया है. रूस यूक्रेन पर अपने आक्रमण को ‘विशेष सैन्य अभियान’ कहता आ रहा है. आरोप लग रहे हैं कि यूनएससी ने रूस के दबाव में आकर अपने बयान में युद्ध, संघर्ष या आक्रमण शब्द का प्रयोग न करके विवाद शब्द का प्रयोग किया है. गौरतलब है कि रूस यूएनएससी का स्थायी सदस्य है. वह अब तक यूएनएससी के सभी बयानों को अपने वीटो पावर से रोकता आ रहा था. यही कारण था कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से अब तक यूएनएससी एक बार भी बयान जारी नहीं कर पाया था.
वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी हाल की मॉस्को और कीव यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ युद्ध क्षेत्र से नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए एक समझौता किया था. इस समझौते में दक्षिणी यूक्रेन में स्थिति बंदरगाह शहर मॉरियुपोल के अजोवस्टल स्टील प्लांट में शरण लेने वाले नागरिकों की सुरक्षित निकासी की बात भी थी. इस प्लांट में हजारों लोगों ने शरण ले रखा है, जिन्हें रेस्क्यू किया जाने लगा है. रूस ने इस स्टील प्लांट की घेराबंदी कर रखी थी, जिसकी वजह से वहां फंसे लोगों का बाहर निकलना नामुमकिन था. यह स्टील प्लांट कई एकड़ में फैला हुआ है.
यूनाइटेड नेशंस ने भले ही बयान जारी कर खुद की पीठ थपथला ली हो, लेकिन एक छोटा सा बयान जारी करने में अगर यूएनएससी को ढाई महीने का वक्त लगता है, तो उसकी कार्यप्रणाली की आलोचना जायज है और इस सवाल पर मैक्सिकन राजदूत ने कहा कि, कहीं न कहीं एक शुरुआत होनी चाहिए।
यूएनएससी कितना शक्तिशाली है इसकी बात करें तो आपको बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव कानूनी तौर पर बाध्यकारी होते हैं, लेकिन इसके पांच सदस्य अपने वीटो से इसे रोक सकते हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा, जिसमें 193 सदस्य देश हैं, वो महासभा द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं और इन्हें वीटो नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इसने यूएन महासभा को कई प्रस्तावों को मंजूरी देने में सक्षम बनाया है, और बहुमत से किसी मुद्दे पर फैसला लिया भी गया है, लेकिन किसी भी देश को उस फैसले को मानने के लिए कानूनी तौर पर मजबूर नहीं किया जा सकता है।
आखिर में बता दें कि रूस हर साल 9 मई को विक्ट्री डे मनाता है। सेकेंड वर्ल्ड वॉर में इस दिन रूसी सेना ने हिटलर की नाजी आर्मी को हरा दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि इस दिन की अहमियत को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 9 मई को ही यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर सकते हैं। अब तक रूस यूक्रेन पर हमले को सिर्फ एक स्पेशल ऑपरेशन कहता रहा है।