रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग जारी है. जंग को 50 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. यूक्रेन से बदला लेने के लिए कीव, खार्किव सहित आठ शहरों में रूस ने आक्रमण तेज कर दिया है.. रूस के सैनिक लगातार यूक्रेन पर मिसाइल और बम के गोले बरसा रहे हैं. रूस ने कीव के पास एक यूक्रेनी मिलिट्री फैक्ट्री को तबाह कर दिया है..भीषण जंग के बीच अब रूस के टेक्टिकल परमाणु हथियार के इस्तेमाल को लेकर चर्चा तेज हो गई है. दरअसल अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर विलियम जे बर्न्स ने कहा है कि यूक्रेन में जीत हासिल करने के लिए रूस टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसे में जाहिर तौर पर न्यूक्लियर वेपन के इस्तेमाल की चर्चा शुरू होने से दुनिया की टेंशन बढ़ गई है. यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचने से भी परमाणु हमले की आशंका बढ़ गई है.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन क्या होते हैं? ये कितने खतरनाक होते हैं? साथ ही बताएंगे कि क्यों ये सबके लिए खतरे का सबब बन गये हैं? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
टेक्टिकल परमाणु हथियार ऐसे हथियार होते हैं जिन्हें सीमित या फिर कहें तो छोटे दायरे में इस्तेमाल किया जा सकता है. ये रणनीतिक यानी स्ट्रेटेजिक न्यूक्लियर वेपन से अलग होते हैं. टेक्टिकल हथियारों की कैटेगरी में ऐसे कई तरह के हथियार आते हैं जिन्हें युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता है. इनमें छोटे बम और मिसाइलें भी शामिल हैं. टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के इस्तेमाल का मतलब ये मान सकते हैं कि परमाणु युद्ध तो नहीं होगा लेकिन इसके सीमित स्तर पर ठीक उसी की तरह प्रभाव पड़ सकते हैं. टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का इस्तेमाल अक्सर सैन्य ठिकानों, अंडरग्राउंड बंकरों, कमांड एंड कंट्रोल ठिकानों को तबाह करने के लिए किया जाता है. टेक्टिकल परमाणु हथियार आमतौर पर 1 किलोटन से लेकर 100 किलोटन धमाके की क्षमता वाले होते हैं. अमेरिका ने हिरोशिमा पर 15 किलोटन और नागासाकी पर 21 किलोटन क्षमता वाला परमाणु बम गिराया था. इन हथियारों का प्रभाव हथियार के साइज, जमीन से कितने ऊपर फटे और स्थानीय वातावरण पर निर्भर करता है.. 1 किलोटन क्षमता वाला परमाणु हथियार TNT विस्फोटक के 1 हजार टन धमाके के बराबर होता है.. माना जाता है कि रूस के पास सबसे बड़ा स्ट्रैटेजिक परमाणु हथियार कम से कम 800 किलोटन क्षमता वाला है..
बता दें अब ऐसे परमाणु हथियार भी बनाए जा चुके हैं, जोकि स्ट्रैटजिक और टेक्टिकल दोनों तरह के परमाणु हथियारों के रूप में काम करते हैं-जैसे अमेरिका का B61 परमाणु बम.
कोल्ड वॉर के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ ने हजारों की संख्या में टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन तैनात किए थे... हालांकि, युद्ध के मैदान में अब तक कभी इनका इस्तेमाल नहीं किया गया है.
इस वक़्त रूस के पास करीब 2000 टेक्टिकल न्यूक्लिर वेपन हैं. टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन को आमतौर पर पारंपरिक विस्फोटक ले जाने में सक्षम कई तरह की मिसाइलों में भी लगाया जा सकता है, यहां तक कि न्यूक्लियर वेपन को युद्ध के मैदान में तोप के गोले के रूप में भी दागा जा सकता है.. टेक्टिकल परमाणु हथियारों को प्लेन और जहाज में भी लगाया जा सकता है. उदाहरण के लिए पनडु्ब्बियों को टारगेट करने वाले टारपीडो।