रूस और यूक्रेन की जंग में अब केमिकल हथियारों के इस्तेमाल का खतरा भी बढ़ गया है.. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और ब्रिटेन ने आशंका जताई है कि रूस-यूक्रेन के खिलाफ केमिकल वेपन यानी केमिकल हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.. वहीं यूक्रेन ने रूस को सावधान किया है और इस तरह के हमले की आशंका जताते हुए कहा है कि अगर उसने ऐसा किया तो उसे और कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा, बता दें कि इससे पहले रूस ने अमेरिका पर यूक्रेन में केमिकल और बॉयोलॉजिकल हथियार बनाने का आरोप लगाया था. तो आज के know this video में हम आपको बताएंगे कि क्या होते हैं केमिकल वेपन और ये कितने खतरनाक होते हैं साथ ही बताएंगे कि दुनिया में कहां-कहां इनका इस्तेमाल हो चुका है?
रासायनिक हथियारों ऐसे हथियार है जिनमें इंसानी शरीर पर हमला करने वाले विषेलै एवं रासायनिक तत्व शामिल होते हैं. ऐसे हथियारों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने या मारने के लिए किया जाता है. इसमें जो केमिकल इस्तेमाल होता है, उससे इंसान के शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचता है. जैसे शरीर बुरी तरह जल जाता है या फिर पैरालाइज हो जाता है या काम करना बंद कर देता है. और कई बार तो मौत भी हो जाती है.
बता दें कि केमिकल हथियार बायोलॉजिकल हथियार से अलग होते हैं. बायोलॉजिकल हथियार में बैक्टीरिया और वायरस के जरिए लोगों को मारा या बीमार किया जाता है. केमिकल हथियार सामूहिक विनाश के हथियारों की कैटेगरी में आते हैं.
अब आपको बताते हैं कि कैमिकल हथियारों को लेकर क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?
केमिकल वेपन के इस्तेमाल को लेकर 1997 में एक कानून बना था, जिसमें तय हुआ कि रिहायशी इलाकों में या आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए मकसद से ऐसे हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. हालांकि, जंग में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कानून पर रूस ने भी हस्ताक्षर किए थे.
रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ था. बाद में 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के समय इन हथियारों का उपयोग किया गया था. हाल फिलहाल की बात करें तो सीरिया सरकार ने विद्रोहियों का दमन करने के लिए रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था.
रूस का केमिकल हथियारों से कनेक्शन?
रूस ने 2017 में ही अपने केमिकल हथियारों को नष्ट करने का दावा किया था. लेकिन, उसके बाद से मॉस्को में हुए दो केमिकल हमलों ने इन दावों को सवालों के घेरे में ला दिया।
2018 में रूसी खुफिया एजेंसी के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल को उनकी बेटी के साथ नर्व एजेंट नोविचोक जहर दिया गया था.. इसमें कथित तौर पर रूस का हाथ था, हालांकि उसने इसे कभी नहीं माना।
अगस्त 2020 में पुतिन के प्रमुख विरोधी नेता एलेक्सी नवलनी को नोविचोक जहर दिया गया था, जिसमें बहुत मुश्किल से उनकी जान बच सकी थी.