अफगानिस्तान में कोई लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं होगी और तालिबान शरिया कानून के अनुसार ही शासन करेगा. आज नो दिस के इस एपिसोड में हम जानेंगे कि आखिर शरिया कानून क्या है? क्या कुछ कहता है ? साथ ही जानेंगे कि ये कानून किन किन देशों में लागू है और इसमें गलती करने पर क्या दंड होता है?
सबसे पहले जानते हैं कि शरिया कानून क्या है ?
शरिया शब्द का सीधा सीधा मतलब होता है पानी का एक साफ और व्यवस्थित रास्ता. और शरिया कानून इस्लामिक कानून व्यवस्था है. शरिया कानून को इस्लाम कि सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक क़ुरआन और इस्लामी विद्वानों के फ़ैसलों यानी फ़तवों को मिलाकर तैयार किया गया है. शरिया कानून जीवन जीने का रास्ता बताता है. एक मुसलमान की डेली लाइफ के हर पहलू पर, कब, क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसका रास्ता दिखाता है. किसी समस्या के आने पर वो सलाह के लिए शरिया विद्वान से मदद ले सकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अपने धर्म के कानूनी ढांचे के तहत वो क्या करे? किसी भी क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए मुसलमान शरिया कानून की मदद ले सकता है. इसमें पारिवारिक कानून, वित्त और व्यवसाय सभी शामिल हैं. इसका मकसद मुसलमानों को ये समझाने में मदद करना है कि उन्हें अपने जीवन के हर पहलू को अल्लाह की इच्छा के अनुसार कैसे जीना चाहिए. सभी मुसलमानों से इसका पालन करने कि उम्मीद कि जाती है. इसके साथ ही इसमें प्राथना, उपवास और गरीबों को दान देने का निर्देश दिया गया है.
शरिया में अपराध करने पर क्या दंड है ?
शरिया कानून में अपराधों को दो केटेगरी में बांटा गया है. पहला है “तज़ीर” अपराध, जिसमें न्यायाधीश के विवेक पर सजा छोड़ दी जाती है. दूसरा है “हद” अपराध. इसमें गंभीर अपराध आते हैं और इसके लिए कठोर सजा तय है. हद अपराधों में चोरी भी शामिल है, जिसमें अपराधी के हाथों को काट दिया जाता है. कुरान को नकारना या उसकी आलोचना करने पर मौत की सजा है. इसके अलवा व्यभिचार करने पर पत्थर मारकर मौत की सज़ा दी जा सकती है.