कौन है अहमद मसूद?
अहमद मसूद का जन्म 10 जुलाई 1989 को अफगानिस्तान में पंजशीर प्रांत की राजधानी बाजारक में हुआ था. मसूद ने अपनी स्कूली पढ़ाई ईरान में पूरी की. जिसके बाद 2012 में इंग्लैंड की रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट से मसूद ने एक साल का मिलिट्री कोर्स किया. 2015 में वॉर स्टडीज में ग्रैजुएशन के बाद 2016 में मसूद ने University of London से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली. नवंबर 2016 में अहमद मसूद को मसूद फाउंडेशन का CEO नियुक्त किया गया.
अहमद मसूद के पिता थे अहमद शाह मसूद. जिन्हें पंजशीर का शेर कहा जाता था. अहमद शाह मसूद ने 1980 में एंटी-सोवियत रेसिस्टेंस का गठन किया था. उन्होंने काबुल में सोवियत संघ समर्थित कम्युनिस्ट सरकार का विरोध किया था. अहमद शाह मसूद ने कभी पंजशीर घाटी पर सोवियत सैनिकों और तालिबान का कब्जा नहीं होने दिया. लेकिन 9 सितंबर 2001 को अलकायदा के एक फियादीन हमलावर ने अहमद शाह मसूद की हत्या कर दी. आज अहमद मसूद अपने पिता की राह पर चलते हुए मुजाहिद्दीन साथियों के साथ पंजशीर में तालिबान से टक्कर ले रहे हैं. अहमद मसूद NRF यानी नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान के founder हैं.
वाशिंगटन पोस्ट के अपने एक आर्टिकल में मसूद लिखते हैं कि मैं मुजाहिदीन लड़ाकों के साथ अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलने के लिए तैयार हूं. हमारे पास गोला-बारूद और हथियारों के भंडार हैं जिन्हें हमने अपने पिता के समय से इस दिन के लिए तैयार रखा था.
कितना ताकतवर है NRF?
NRF के लड़ाके पंजशीर घाटी में तैनात है. तालिबानियों के रास्ते में चट्टान की तरह खड़े पंजशीर के लड़ाकों में कई जातीय समुदायों के लोगों के साथ, मिलिशिया और अफ़ग़ान सुरक्षा बल के पूर्व सदस्य भी मौजूद हैं. इनकी संख्या हज़ारों में है. जो बिना लड़े तालिबान से हार मानने को तैयार नहीं हैं. NRF में हाल ही में अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी शामिल हुए.