एक बार फिर चीन और ब्राजील में कोरोना वायरस के केस बढ़ने लग गए हैं. कोरोना के केस में बढ़ोतरी के साथ ही इसे चौथी लहर का संकेत माना जा रहा है. इसके अलावा कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर भी खबरें आ रही हैं. कई रिपोर्ट्स में इन केसेज को ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट बताया जा रहा है. एक बार फिर नई और चौथी लहर का अंदेशा लगाया जाने लगा है. लोगों के मन में सवाल है कि अगर दुनिया भर में कोरोना के केस बढ़ते हैं तो क्या भारत में चौथी लहर देखने को मिलेगी और चौथी लहर आती है तो यह भारत में कब तक आ सकती है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इन सवालों के जवाब देंगे. एक्सपर्ट के जरिए जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर कोरोना के ये बढ़ते केस किस ओर इशारा कर रहे हैं. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
इस मामले पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि हम कुछ लहरों से पहले गुजर चुके हैं. मैथमेटिकल मॉडल के बेस पर की गई प्रिडिक्शन के मुताबकि जून में हमारे यहां चौथी लहर आ सकती है. ये प्रिडिक्शन आईआईटी कानपुर के साइंटिस्ट ने किया है. वहीं, टाइम को लेकर एक्पर्ट्स का कहना है कि चौथी लहर चार महीने तक रह सकती है और 15 अगस्त के आस पास वो पीक पर होगी. ऐसे में हमें तैयार रहने की जरूरत है.
जानकारों के मुताबिक अभी तक का घटनाक्रम देखें तो पहले चीन से फर्स्ट वेव की शुरुआत हुई, उसके बाद सेकेंड वेव यूके और अमेरिका से शुरू हुई और तीसरी लहर साउथ अफ्रीका से शुरू हुई. हर बार एक नया वेरिएंट आता है जो कि एक देश से शुरू होता है और फिर पूरी दुनिया में फैल जाता है. इस समय एक देश से दूसरे देश में संक्रमण को रोक पाना बहुत मुश्किल है. अब नई वेव चीन और ब्राजील में आ रही है और ऐसे वेरिएंट आते रहेंगे.
डॉक्टरों ने कहा कि वायरस सर्वाइव करने की कोशिश करता रहता है. हमारे इम्यून मैकेनिज्म को एस्केप्ट करने के लिए वो हर बार खुद को बदल लेता है, जिसको हम वेरिएंट बोलते हैं. इस समय सावधानी और कोविड टीका ही इसका बचाव है. तो अगर आपने कोविड टीका नहीं लिया है तो ये जरूर लीजिए और कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी बेहद जरूरी है.
बता दें फिलहाल भारत में कोरोना से हालात बिलकुल नियंत्रण में हैं. संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है. इसको देखते हुए देश के कई राज्यों में कोरोना से संबंधित पाबंदियों को हटा दिया गया है. विदेशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बैठक की है. बैठक में कोरोना की जिनोम सीक्वेंसिंग और कोरोना टेस्ट बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोरोना के ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाएं. माना जा रहा है कि अगर नया वैरिएंट ओमिक्रॉन की तरह हल्का होगा, तो कोई परेशानी नहीं लेकिन खतरनाक वैरिएंट केसेज को फिर से बढ़ा सकता है.