श्रीलंका में आर्थिक संकट बहुत तेज हो गया है, श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. श्रीलंका सरकार के मंत्री सामूहिक इस्तीफा दे चुके हैं. लोगों को रोजमर्रा से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं.. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिससे वो जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है आलम ये है कि पेट्रोल पंपों पर सेना तैनात करनी पड़ी है..आज के know this वीडियो में हम आपको उन विलेन्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने श्रीलंका को भुखमरी के दलदल में फंसा दिया, साथ ही बताएंगे कि वो क्या वजहें हैं जिनके चलते श्रीलंका में महंगाई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड। बस आप वीडियो एक आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
सबसे पहले वो बड़े कारण आपको बताते हैं जिन्होंने डुबोई श्रीलंका की लुटिया।।
दरअसल श्रीलंका को मुश्किल में डालने के पीछे सबसे बड़ा कारण कर्ज है क्योंकि पिछले एक दशक के दौरान श्रीलंका की सरकारों ने जमकर कर्ज लिए, लेकिन इसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय दुरुपयोग ही किया। 2010 के बाद से ही लगातार श्रीलंका का विदेशी कर्ज बढ़ता गया. श्रीलंका ने अपने ज्यादातर कर्ज चीन, जापान और भारत जैसे देशों से लिए हैं..श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार कम होने से चीन का लोन नहीं चुका पा रहा. चीन की कर्ज देकर जमीन हड़पने की नीति ने श्रीलंका को आज इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है. वहीं 2019 में वर्तमान राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने टैक्स में कटौती का लोकलुभावन दांव खेला, लेकिन इससे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा। एक अनुमान के मुताबिक, इससे श्रीलंका की टैक्स से कमाई में 30% तक कमी आई, यानी सरकारी खजाना खाली होने लगा.
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अब जानते हैं कि शक्तिशाली राजपक्षे परिवार के बारे में जिन्हें कहीं न कहीं श्रीलंका की इस हालत का जिम्मेदार माना जा रहा है. क्योंकि उनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार और गलत नीतियों काफी हद तक इस संकट की जिम्मेदार हैं.
76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे समूह के चीफ और वर्तमान प्रधानमंत्री हैं. इनके शासनकाल में श्रीलंका और चीन की करीबी बढ़ी और उसने चीन से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 7 अरब डॉलर का लोन लिया।खास बात ये रही कि ज्यादातर प्रोजेक्ट्स छलावा साबित हुए और उनके नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ।
गोटबाया राजपक्षे पूर्व सैन्य अधिकारी रहे और 2019 में श्रीलंका के राष्ट्रपति बने. इनपर टैक्स में कटौती से लेकर, खेती में केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल पर बैन जैसी नीतियों को वर्तमान संकट की वजह माना जा रहा है.
अगला नाम आता है बासिल राजपक्षे का वो अब तक फाइनेंस मिनिस्टर थे. श्रीलंका में सरकारी ठेकों में कथित कमीशन लेने की वजह से उन्हें ‘मिस्टर 10 पर्सेंट’ कहा जाता है..
वहीं चामल राजपक्षे महिंदा के बड़े भाई हैं और शिपिंग एंड एविएशन मिनिस्टर रह चुके हैं. अब तक वो सिंचाई विभाग संभाल रहे थे.
पांचवा और आखिरी नाम इस परिवार का जो है वो है नामल राजपक्षे का.. 35 वर्षीय नामल महिंदा राजपक्षे के बड़े बेटे हैं.अब तक वो खेल और युवा मंत्रालय संभाल रहे थे. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं, जिससे नामल इनकार करते रहे हैं।
तो ये तो कुछ कारण और नाम जिन्होंने श्रीलंका को इतने गहरे आर्थिक संकट में फंसा दिया है और जिससे बाहर निकलना उसके लिए अब किसी चुनौती से कम नहीं है.